Matric Exam 2022 Hindi Swadeshi Subjective Question | कक्षा 10वीं हिंदी स्वदेशी सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर

Matric Exam Hindi Swadeshi :- मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए हिंदी काव्य खंड का प्रश्नावली स्वदेशी का महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है जो मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए काफी महत्वपूर्ण है | 10th class Swadeshi ka subjective question 


Matric Exam 2022 Hindi Swadeshi Subjective Question Answer

1.Q नेताओं के बारे में कविवर प्रेमघन क्या राय है

उत्तर आज देश के नेता देश के मार्गदर्शक भी स्वदेशी वेश भूषा , बोलचाल से परहेज करने लगे हैं अपने देश की सभ्यता संस्कृति को बढ़ावा देने के बजाय पश्चात्य सभ्यता से समय प्रभावित दिखते हैं।

2.Q कवि को भारत में भारतीयता क्यों नहीं दिखाई पड़ती

उत्तर कभी को भारत में स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि यहां के लोग विदेशी रंग में रंगे हैं खानपान बोलचाल हाट बाजार अर्थात संपूर्ण मानवीय क्रियाकलापों में अंग्रेजी ऐसे ही अंग्रेजी अर्थ है अतः कवि कहते हैं कि भारत में भारतीयता दिखाई नहीं पड़ता।

3.Q स्वदेशी कविता का मूल भाव क्या है सारांश में लिखिए

उत्तर स्वदेशी कविता का मूल भाव है कि भारत के लोगों से स्वदेशी भावना लुप्त हो गई है विदेशी भाषा रीति रिवाज से इतना समय हो गया है कि भारतीय लोगों का रुझान स्वदेशी के प्रति बिल्कुल नहीं है सभी और मात्र अंग्रेजी का बोलबाला है

4.Q कवि ने डफाली किसे कहा है और क्यों।

उत्तर जिन लोगों मे दास वृत्ति बढ़ रही है। जो लोग पश्चात्य सभ्यता संस्कृति की दास्तां के बंधन में बंधकर विदेशी रीति रिवाज के बने हुए हैं उनको कभी ढफाली की संज्ञा देते हैं क्योंकि वह विदेश की पश्चात्य संस्कृति की विदेशी वस्तुओं की अंग्रेजी की झूठी प्रशंसा में लगे हुए हैं।

5.Q कवि समाज के किस वर्ग की आलोचना करता है और क्यों

उत्तर उत्तर भारत में एक ऐसा समाज स्थापित हो गया है जो अंग्रेजी बोलने में शान की बात समझता है अंग्रेजी रहन-सहन विदेशी ठाठ बाट विदेशी बोलचाल को अपनाना विकास मानते हैं।

6.Q स्वदेशी कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट के लिए

उत्तर प्रस्तुत पद में स्वदेशी भावना को जागृत करने का पूर्ण प्रयास किया गया है इसमें मृतप्राय स्वदेशी भाव के प्रति रुझान उत्पन्न करने हेतु प्रेरित किया गया है अतः स्वदेशी शीर्षक पूर्णता सार्थक है

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Bihar Board 10th class Hindi Swadeshi ka subjective prashn

7.Q नेताओं के बारे में कभी की क्या राय है

उत्तर आज देश के नेता देश के मार्गदर्शक भी स्वदेशी वेशभूषा बोलचाल से परहेज करने लगे हैं अपने देश की सभ्यता संस्कृति को बढ़ावा देने के बजाय पश्चात्य सभ्यता से स्वर प्रभावित लिखते हैं कभी कहते हैं कि जिससे धोती नहीं संभलते अर्थात अपने देश के वीर सपूतों को धारण करने में संकोच करते हो वह देश की व्यवस्था देखने में कितना सक्षम होंगे या संदेश का विषय हो जाता है जिस नेता में स्वदेशी भावना रची बसी नहीं है अपने देश की मिट्टी से दूर होते जा रहे हैं उनसे देश सेवा की अपेक्षा कैसे की जा सकती है ऐसे नेताओं से देश हित की अपेक्षा करना ख्याली पुलाव है।

8.Q स्वदेशी कविता का सारांश लिखें

उत्तर पाठ्य पुस्तक में संकलित प्रेमघन के दोहे में नवजागरण और देश प्रेम के स्वर मुखरित हुए हैं दोनों में प्राधीन भारत के लोगों की मनोवृति ओं का चित्रण हुआ है प्रेमघन को इस बात का बहुत दुख है कि भारत में भारतीय का स्वर था लुप्त हो गया है भारत के लोग विदेशी रीति और वस्तु के दीवाने हो गए हैं भारत में कोई भारतीय नहीं रहा गया सभी प्रदेश की विधा को महत्व देते हैं उसके चलते उनकी बुद्धि भी विदेशी हो गई है उन्हें तो विदेशी चाल चलन ही पसंद आता है सबको विदेशी पोशाक ही रूचती है। अपनी भाषा छोड़कर सभी अंग्रेजी भाषा की ओर भाग रहे हैं बोलचाल रहन-सहन पहनावा यादी में कहीं भी भारतीय नजर नहीं आती हिंदुस्तानी नाम सुनकर सब को मानो लाज रखती है और भारतीय वस्तु से सभी परहेज करते हैं बाजारों में अंग्रेजी माल भरे हुए हैं अंग्रेजी चाल पर घर बने हैं और शहर बसे हैं राजनेताओं की नीति भी धूल मूल है सभी दासवृत्त से ग्रस्त हैं। सुख सुविधा की चाह ने सबको दास बना रखा है सब अंग्रेजों की झूठी प्रशंसा और खुशामद में इसलिए लगे हैं कि उन्हें अंग्रेजों की कृपा से कुछ सुख सुविधाएं प्राप्त हो जाए सभी भारतीय मानसिक स्तर पर अंग्रेजों के दास हो गए हैं प्रेमघन ने इसी पीड़ा की अभिव्यक्ति संकलित दोहे में की है।


Matric Exam 2022 Hindi Subjective Question Answer