Hindi Subjective Question Class 10th शिक्षा और संस्कृति

शिक्षा और संस्कृति Subjective Question | कक्षा 10 वीं

BSEB Matric or Inter Exam 2024

शिक्षा और संस्कृति Subjective Question 

दोस्तों इस पोस्ट में कक्षा 10वीं हिंदी शिक्षा और संस्कृति प्रश्नावली का महत्वपूर्ण Hindi Subjective Question एवं उत्तर दिया गया है जो मैट्रिक बोर्ड परीक्षा के लिए काफी ही महत्वपूर्ण है |तो आप इस पोस्ट को शुरू से अंत तक देखें और सभी प्रश्न को याद करें|

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1.Q गांधीजी बढ़िया शिक्षा किसे कहते हैं ?

उत्तर – गांधीजी बढ़िया शिक्षा अहिंसा प्रतिरोध को कहते हैं। वे कहते हैं कि इस शिक्षा का ज्ञान बच्चों के मिलने वाली साधारण अक्षर ज्ञान की शिक्षा के बाद नहीं अपितु पहले सी खानी चाहिए। वे कहते हैं कि बच्चे को वरमाला सीखने और सांसारिक ज्ञान देने के पहले यह सिखाना चाहिए की आत्मा क्या है सत्य क्या है प्रेम क्या है और आत्मा में क्या-क्या शक्तियां छुपी हुई है। शिक्षा का जरूरी अंग यह होना चाहिए कि वालिक जीवन संग्राम में प्रेम से धृणा को सत्य से असत्य को और कष्ट सहन से हिंसा को आसानी के साथ जितना सीखें।


2.Q इंद्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग सीखना क्यों जरूरी है ?

उत्तर – इंद्रियों का बुद्धिपूर्वक उपयोग सीखना इसलिए जरूरी है कि उससे बुद्धि का विकास जल्द से जल्द और उत्तम तरीके से हो जाता है।


3.Q इच्छा का अभिप्राय गांधीजी क्या मानते हैं ?

उत्तर – शिक्षा से गांधी जी का अभिप्राय है कि बच्चे और मनुष्य के शरीर बुद्धि और आत्मा के सभी उत्तम गुणों को प्रकट किया जाए। वे कहते हैं कि पढ़ना लिखना शिक्षा का अंत तो है ही नहीं शुरू भी नहीं। वह मानव को शिक्षा देने के साधनों में से केवल एक शिक्षा है। साक्षरता सवय कोई शिक्षा नहीं है। उनका कहना है कि जिस समय से बच्चा पढ़ना लिखना शुरु करता है उसी समय से वह उत्पादन का काम करने योग्य बन जाए। उसे पढ़ाई के साथ-साथ दस्तकारी इत्यादि भी सिखाई जाए।


4.Q मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास कैसे संभव है

उत्तर – जब बच्चों को साधारण शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी तब मस्तिष्क और आत्मा का उच्चतम विकास संभव हो सकता है। वे कहते हैं कि उनकी इच्छा और सारी शिक्षा किसी दस्तकारी या उद्योगों के द्वारा की जाए। वे कहते हैं कि प्रारंभिक शिक्षा में सफाई तंदुरुस्ती भोजन शास्त्र अपना काम आप करने और घर पर माता-पिता को मदद देने के मूल सिद्धांत शामिल हो।


5.Q गांधीजी कतई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योग द्वारा सामाजिक क्रांति कैसे संभव मानते थे ?

उत्तर – गांधी जी को कतई और धुनाई जैसे ग्रामोद्योगो द्वारा सामाजिक क्रांति की दूरगामी परिणाम नजर आती थी। उन्हें लगता था इससे नगर और ग्राम के संबंधों का एक स्वास्थ्यप्रदय नैतिक आधार प्राप्त होगा और समाज की मौजूदा आरक्षित व्यवस्था और वर्गों के परस्पर विषाक्त संबंधों की कुछ बड़ी से बड़ी बुराइयों को दूर करने में बहुत सहायता मिलेगी। इससे गांव का ह्रास रूक जाएगा और एकदिन ऐसी अधिक न्यायपूर्ण व्यवस्था की बुनियाद पड़ेगी जिसमें अमीर गरीब का अप्राकृतिक भेद ना हो और हर एक के लिए गुजर के लायक कमाई होगी। या सब किसी भयंकर रक्त रंजित वर्गी युद्ध अथवा बहुत भारी पूंजी के व्यय के बिना भी हो जाएगा।


6.Q किच्छा का ध्येय गांधी जी क्या मानते थे ?

उत्तर – शिक्षा का ध्येय गांधीजी चरित्र निर्माण मानते थे। वे मानते थे कि साहस बल सदाचार और बड़े लक्ष्य के लिए काम करने में आतमोत्सर्ग की शक्ति का विकास साक्षरता से ज्यादा महत्वपूर्ण है। किताबी ज्ञान तो उस बड़े उद्देश्य का एक साधनमात्र है। उसका ख्याल था कि व्यक्ति का चरित्र निर्माण हो जाएगा तो समाज अपना काम आप संभाल लेगा।


7.Q गांधी जी देश भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य क्यों आवश्यक मानते थे ?

उत्तर – गांधीजी देशी भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद कार्य इसलिए आवश्यक मानते थे कि इससे संसार की अन्य भाषाओं में जो ज्ञान भंडार भरा पड़ा है उससे राष्ट्र अपनी ही देशी भाषाओं के द्वारा प्राप्त करें। उनका मानना था कि देश के हर व्यक्ति को कई भाषाओं में छिपे ज्ञान को जानने के लिए उसका सीखना जरूरी नहीं है बल्कि उसका ज्ञान उसके अपनी भाषा में अनुवाद से ही प्राप्त हो सकता है। उनका यह भी मानना था कि विद्यार्थियों का एक अलग वर्ग हो जो यह काम करें कि संसार की अन्य भाषाओं की खूबियों को अपनी भाषा में अनुवाद कर दे। इससे अतिरिक्त खर्च भी बचेगा और ज्ञान का लाभ भी मिलेगा।


8.Q दूसरी संस्कृति से पहले अपनी संस्कृति की गहरी समझ क्यों जरूरी है ?

उत्तर – दूसरी संस्कृति से पहले अपनी संस्कृति की गहरी समझ इसलिए जरूरी है कि कोई भी संस्कृति इतने रत्न भंडार से पढ़ी हुई नहीं है जितनी अपनी संस्कृति। हम इतने दिन गुलाम रहे हैं इसलिए हमें अपनी संस्कृति को तुच्छ समझना सिखाया गया है। हमने अपनी संस्कृति के अनुसार जीना छोड़ दिया है फिर उसकी खूबियों को हम कैसे जान सकते हैं। हमारा धर्म है कि सुबह अपनी संस्कृति को हृदयअंकित करके उसके अनुसार आचरण किया जाए क्योंकि ऐसा ना किया जाए तो उसका परिणाम समाजिक आत्महत्या होगा।


9.Q अपनी संस्कृति और मातृभाषा की बुनियाद पर दूसरी संस्कृतियों और भाषाओं से संपर्क क्यों बनाया जाना चाहिए ? गांधीजी की राय स्पष्ट करें।

उत्तर – अपनी संस्कृति और मातृभाषा की बुनियाद पर दूसरी संस्कृतियों और भाषाओं से संपर्क बनाया जाना चाहिए। इस संबंध में गांधीजी की राय यह है कि हमारी संस्कृति जैसी अच्छी संस्कृति किसी और की संस्कृति है ही नहीं। हमारी गुलामी ने हमें अपनी संस्कृति से विमुख कर दिया है। अपनी मातृभाषा में हर भाषा के ज्ञान को हम उसके अनुवाद से ज्ञान सकते हैं। इससे कुछ आदमी अगर दूसरी भाषा को जाने का तो उसका लाभ हमारे बहुत से देशवासियों को मिलेगा।


10.Q गांधी जी किस तरह के सामंजस्य को भारत के लिए बेहतर मानते हैं और क्यों ?

उत्तर – गांधीजी अपनी संस्कृति से विभिन्न संस्कृतियों के सामंजस्य का भारत के लिए बेहतर मानते हैं । भारतीय संस्कृति उन विभिन्न संस्कृतियों के सामंजस्य का प्रतीक है जिनके हिंदुस्तान में पर जम गए हैं जिनका भारतीय जीवन पर प्रभाव पड़ चुका है और जो समय भी भारतीय जीवन से प्रभावित हुए हैं। याद सामंजस्य कुदरती तौर पर स्वदेशी ढंग का होगा जिसमें प्रत्येक संस्कृति के लिए अपना उचित स्थान सुरक्षित होगा।


Class 10th Hindi Objective Question Answer 

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