Bihar Polytechnic Exam 2024 Unit and Dimension:- दोस्तों यहां पर Physics Unit and Dimension से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को बताया गया है जो कि बिहार पॉलिटेक्निक ITI और पैरामेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अगर आप इसे इन सभी के सिलेबस में पढ़ना चाहते हैं तो इसे जरूर पढ़ें।
मापन ( Measurement) – किसी भी राशि का माप तौल करना ही मापन कहलाता है जिस पद को संख्या में व्यक्त किया जाता है उसे राशि कहते हैं
- बनावट के आधार पर राशि दो प्रकार का होता है
1. मूल राशि ( Fundamental quantity) – वह राशि जो बिल्कुल स्वतंत्र होता है अर्थात इसका निर्माण किसी दूसरी राशि से नहीं होता है उसे मूल राशि कहते हैं
- मूल राशि की संख्या सात होती है
1. लंबाई ( चौड़ाई , मोटाई , दूरी , विस्थापन )
2. द्रव्यमान ( Mass)
3. समय ( Time)
4. तापमान ( Temperature)
5. विद्युत धारा ( Electric current)
6. ज्योति तीव्रता ( Luminous intercity)
7. पदार्थ की मात्रा ( Moles)
2. व्युत्पन्न राशी ( Derived quantity) — वह राशि जिसका निर्माण मूल राशियों से हुआ हो उस से व्युत्पन्न राशि कहते हैं
जैसे – क्षेत्रफल , वेग , बल , इत्यादि
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गुना के आधार पर राशियां दो प्रकार की होती है
1. सदिश राशि
2. आदिश राशि
1. सदिश राशि ( Vector quantity) — वह राशि जिसमें परिणाम के साथ-साथ दिशा भी होती है उसे सदिश राशि कहते हैं यह चतुर्भुज तथा त्रिभुज के नियम का पालन करता है
जैसे — आयाम, भार , विस्थापन, त्वरण , संवेग, आवेग, कोणीय , विद्युत क्षेत्र , चुंबकीय क्षेत्र, धारा घनत्व,
Note – जब दो Vector एक-दूसरे के लम्बवत् हो तो उसका बिंदु गुना शुन्य होता है
Note – जब दो Vector एक-दूसरे के समांतर हो तो उसका क्रॉस गुना शुन्य होता है
- दो सदिशो का योग हमेशा सदिश होता है
- दो सदिश का गुणा सदिश और अदिश दोनों होता है
- दो सदिश का Cross product हमेशा सदिश होता है
- दो सदिश का dot product एक सदिश होता है
- विधुत धारा तथा दाब मे दिशा होते हुए भी यह सदिश राशि नहीं है क्योंकि
2. आदिश राशि ( Scalar quantity ) – वह राशि जिसमें केवल परिणाम हो उसे अदिश राशि कहते हैं
Ex. विधुत धारा , दाब , चाल, आयतन, कार्य, ऊर्जा, शक्ति, ताप
मात्रक ( Units) – किसी भी राशि के परिमाण के साथ प्रयोग होने वाले मानक को मात्रक कहते हैं
Note – यदि मात्रक वैज्ञानिक के नाम पर लिखना हो तो अगला अक्षर capital लिया जाता है यदि पूरे लिखना हो तो small अक्षर का प्रयोग होता है
Ex. बल का मात्रक – newton या N
मात्रक के पद्धतियां
भारत में मुख्यतः चार पद्धतियों का विकास हुआ है
(a) F.P.S पद्धति ( foot pound second)
(b) C.G.S पद्धति ( centimeter gram second)
(c) M.K.S पद्धति (meter kilogram second)
(d) S.I पद्धति ( system of international)
1. F.P.S पद्धति — इस पद्धति का विकास ब्रिटेन में हुआ था जबकि भारत मे 1826 ई में विकसित हुआ इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहा जाता है इस पद्धति में
लंबाई का मात्रक ——— फूट
द्रव्यमान का मात्रक —— पाउण्ड
समय का मात्रक ———- सेकेण्ड
2. C.G.S पद्धति — इसी पद्धति का विकास फ्रांस में हुआ था जबकि भारत में 1956 में लागू हुआ था इस पद्धति को फ्रेंच या मीट्रिक पद्धति भी कहा जाता है इस पति में
लंबाई का मात्रक ——– सेंटीमीटर
द्रव्यमान का मात्रक —– ग्राम
समय का मात्रक ——— सेकेण्ड
3. M.K.S पद्धति — इस पद्धति का विकास फ्रांस में ही हुआ था इस पद्धति में
लंबाई का मात्रक ——- मीटर
द्रव्यमान का मात्रक —- किलोग्राम
समय का मात्रक ——- सेकेण्ड
4. S.I पद्धति — इस पद्धति का विकास 1960 में अंतरराष्ट्रीय माप तोल अधिवेशन पेरिस में हुआ था आजकल इसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है इसमें सात मूल मात्रक तथा दो संपूरक मात्रक होते हैं
रासी | मात्रक |
लंबाई | मीटर |
द्रव्यमान | किलोग्राम |
समय | सेकेण्ड |
तापमान | केल्विन |
विद्युत धारा | एंपियर |
ज्योति तीव्रता | कैंडेला |
पदार्थ की मात्रा | मोल |
संपूरक मात्रक
- समतल कोण – रेडियन
- ठोस कोण – स्टेरेडियन