Jeet Jeet Main Nirkhat Hun Subjective Class 10th Hindi

Jeet Jeet Main Nirkhat Hun Subjective Class 10th Hindi | कक्षा 10वीं हिंदी जीत जीत मैं निरखात हूँ सब्जेक्टिव प्रश्न

Class 10th Hindi

Jeet Jeet Main Nirkhat Hun Subjective Class 10th :- दोस्तों यहां पर मैट्रिक परीक्षा के लिए हिंदी का प्रश्नावली जीत जीत मैं निरखात हूँ का महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव में प्रश्न दिया गया है इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें परीक्षा में काफी ज्यादा प्रश्न पूछे जाएंगे | Hindi Ka Subjective Prashn Matric Pariksha 2022 | बिहार बोर्ड मैट्रिक वार्षिक परीक्षा हिंदी प्रश्न | जीत जीत मैं निरखत हूं Objective Class 10th Hindi


10th क्लास का हिंदी का सब्जेक्टिव क्वेश्चन 2022

1.Q लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है

उत्तर – लखनऊ में पंडित बिरजू महाराज का जन्म हुआ था रामपुर में उनकी बड़ी बहनों का जन्म हुआ था वहां वह भी बहुत दिनों तक रहे थे उनके पिताजी रामपुर में 22 साल तक रहे थे

2.Q रामपुर के नवाब की नौकरी छूटने पर हनुमान जी को प्रसाद क्यों चढ़ाया

उत्तर – रामपुर के नवाब की नौकरी छूटने पर हनुमान जी को प्रसाद इसलिए चढ़ाया गया क्योंकि नौकरी छूटने से इन्हें आजादी मिली नवाब चाहता था कि यह भी अपने पिता के साथ साथ उनके यहां नौकरी करें इनके पिताजी और मां नहीं चाहते थे कि उसके यहां रहे

3.Q नृत्य की शिक्षा के लिए पहले पहले बिरजू महाराज किस संस्था से जुड़े और वहां किनके संपर्क में आए

उत्तर – नृत्य की शिक्षा के लिए पहले पहल बिरजू महाराज हिंदुस्तानी डांस म्यूजिक संस्थान से जुड़े उसी समय वहां कपिला जी लीला कृपलानी के संपर्क में आए

4.Q बिरजू महाराज के गुरु कौन थे उनका संक्षिप्त परिचय दें

उत्तर – बिरजू महाराज के गुरु उनके पिता ही थे उनका नाम लक्ष्मण महाराज था व्वे रामपुर के नवाब के यहां नौकरी करते थे वह समय के साथ चलने वाले थे रामपुर के नवाब चाहते थे कि उनका बेटा भी उनके यहां रहे उन्हें मंजूर नहीं था नौकरी छूट गई तो वे खुश हुए हैं और हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाएं जब मात्र 54 वर्ष के ही थे कि उन्हें लू लग गई थी वह अपनी बीमारी को छिपाते रहे फिर इसी के कारण इनकी मृत्यु हो गई

Hindi Ka Subjective Prashn Matric Pariksha 2022

5.Q बिरजू महाराज के नृत्य की शिक्षा किसे और कब देनी शुरू की

उत्तर – बिरजू महाराज ने सीता राम नामक एक लड़के को नियत की शिक्षा देनी शुरू की जब हुए मात्र 10 से 11 साल के थे उस समय उनके पिताजी की मृत्यु हो गई कि उनके घर के आर्थिक दशा अच्छी नहीं थी घर चलाने के लिए इनके पास यही एक उपाय था

6.Q बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखद समय कब आया उससे संबंधित प्रसंग का वर्णन कीजिए

उत्तर – बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखद समय उस समय आया था जब इनके पिताजी की मृत्यु हो गई थी उस समय उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनकी दसवी और 13वीं के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे उस 10 दिन के बीच में हुए दो जगह दो प्रोग्राम किए उसमें जो पैसे मिले थे उसी से उन्होंने पिताजी का क्रिया कर्म अर्थात श्रद्धा किया

7.Q शंभू महाराज के साथ बिरजू महाराज के संबंध पर प्रकाश डालिए

उत्तर – शंभू महाराज बिरजू महाराज के चाचा थे पहले बार जब वे अपने चाचा और पिताजी के साथ नाचे थे तो प्रथम पुरस्कार इन्हें ही मिला था इस पर इनके चाचा शंभू महाराज ने कहा था कि बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह जब इनके पिताजी की मृत्यु हो गई तो इनके चाचा ने इनकी कोई सहायता नहीं कि ऊपर से गाली गलौज करते हैं जिंदगी जीने के लिए इन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा

8.Q कलकते की दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नर्तक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा

उत्तर – कलकत्ते की दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नर्तक जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा उस प्रोग्राम के बाद सारे अखबारों में यह छा गए सभी ने इनकी प्रतिभा को स्वीकार फिर जगह-जगह से इन्हें बुलावा आने लगा और इनके जीवन में जो दुख का अंधेरा था वह हमेशा के लिए समाप्त हो गया यह कमाने के पीछे कम और अपने कला को संवारने के पीछे ज्यादा समय देते थे और इसका परिणाम यह हुआ कि इस एक कहना जरूरी नहीं है क्योंकि बिरजू महाराज आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है कला की दुनिया में बिरजू महाराज अनूठा व्यक्तित्व हैं

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9.Q संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी

उत्तर – संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या की सुबह 4:00 बजे उठना चाहे बुखार हो या सर्दी सुबह 5:00 बजे से 8:00 बजे तक रियाज करना फिर घर जाना 1 घंटे में तैयार होकर वापस फिर 9:00 बजे आ कर दो घंटे का क्लास लेना वह वहां 3 साल तक बहुत अभ्यास किए थक जाते तो किसी ना किसी वाद्ययंत्र को लेकर बैठ जाते

10.Q पुराने और आज के नर्तको के बीच बिरजू महाराज क्या फर्क पाते

उत्तर – पुराने नर्तक बेचारे जो जैसा जगह मिल जाता था उसी पर प्रोग्राम कर लेते थे परंतु आज के नर्तक स्टेज की खराबियों का बखान करते रहते हैं यह कहते हैं की स्टेज टेढ़ा बड़ा खराब है गधा है इत्यादि पुराने नर्तक जो अपने आप को बचाते रहते थे एयर कंडीशनर की ठंडक कहां उन्हें तो पेट्रोमैक्स की गर्मी भी बर्दाश्त करनी पड़ती थी पंखाझलने वाले के पंखों से भी बचना पड़ता था


           वर्णिका , भाग – 2 [ Objective Question ]
 1  दही वाली मंगम्मा
 2  ढहते विश्वास
 3  माँ
 4  नगर
 5  धरती कब तक घूमेगी