Bharat Mata Subjective Question Class 10th Hindi

Bharat Mata Subjective Question Class 10th Hindi | ( काव्य खंड ) कक्षा 10वीं हिंदी भारत माता सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर

Class 10th Hindi

Bharat Mata Subjective Question :- बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2022 हिंदी काव्य खंड का प्रश्नावली Bharat Mata ka subjective prashn Matric Pariksha का महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है जो मैट्रिक परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है | कक्षा 10वीं हिंदी भारत माता सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर | Kavya Khand Bharat Mata ka subjective prashn | Bharat Mata Subjective Question


Class 10th Hindi Bharat Mata Subjective Question Answer

1.Q भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है।

उत्तर भारत को अंग्रेजों ने गुलामी की जंजीर में जकड़ रखा था परतंत्रता की भीड़ में जकड़े काल के कुचक्र में फांसी विवश भारत माता चुपचाप अपने पुत्रों पर किए गए अत्याचार को देख रही थी। इसीलिए कवि ने प्रथम तथा को दर्शाते हुए मुखरित किया है कि भारत माता अपने ही घर में प्रवासिनी बनी है।

2.Q कवि की दृष्टि में आज भारत माता का तप संयम क्यों सफल है

उत्तर किंतु भारत माता ने गांधी जैसे पुत्र को जन्म दिया और अहिंसा का स्तन्यपान अपने पुत्रों को कराई है अतः विश्व को अंधकारमुक्त करने वाले संपूर्ण संसार को अभय का वरदान देने वाली भारत माता का तप संयम आज सफल है।

3.Q भारत माता कविता में कवि भारत वासियों का कैसा चित्र खींचता है

उत्तर कविता के प्रथम अनुच्छेद में भारत माता को ग्रामवासिनी मानते हुए तत्कालीन भारत का अर्थात चित्रण किया गया है कि भारत माता का फल स्वरूप श्यामल शरीर है धूल धूसरित महिला का आंचल है गंगा यमुना के जल आजसू स्वरूप है ग्राम छवि को दर्शाते हुए भारत मां की प्रतिमा उदासी है।

4.Q कवी भारत माता को गीता प्रकाश ने मानकर भी ज्ञानमूढ क्यों कहता है

उत्तर स्वतंत्र भारत की ऐसी दुर्दशा हुई कि यहां के लोग खुद दिशा विहीन हो गए दास्तां में बांधकर अपने अस्मिता को खोजने आतम निर्भरता समाप्त हो गई इसीलिए कभी कहता है कि भारत माता की ता प्रकाशनी है फिर भी आज ज्ञानमूढ बनी हुई है।

5.Q भारत माता शीर्षक कविता में पंत जी ने भारतीयों का कैसा चित्र खींचा

उत्तर प्रस्तुत कविता में कवि ने दर्शाया है कि परतंत्र भारत की स्थिति दयनीय हो गई थी तंत्र भारतवासियों को नंगे बदन भूखे रहना पड़ता था यहां के 30 करोड़ जनता शोषित पीड़ित मोढ, असभ्य ,अशिक्षित, निर्धन एवं वृक्षों के नीचे निवास करने वाली थी।

6.Q सुमित्रानंदन पंत का जन्म कब और कहां हुआ था

उत्तर सुमित्रानंदन पंत का जन्म 1900 में कौसानी ( अल्मोड़ा ) उत्तराखंड में हुआ था।


कक्षा 10वीं हिंदी भारत माता सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर | 

7.Q भारत माता का हास भी राहु ग्रसित क्यों दिखाई पड़ता है

उत्तर भारत माता के स्वरूप में ग्राम सभा की झलक है मुख्य मंडल पर चंद्रमा के समान दिव्य प्रकाश स्वरूप हसी है मुस्कुराहट है लेकिन परतंत्र होने के कारण हुआ हंसी फीकी पड़ गई है ऐसा प्रतीत होता है कि चंद्रमा को राहु ने ग्रहण लिया है।

8.Q पंत रचित भारत माता कविता का सारांश लिखें

उत्तर भारत माता शिक्षक कविता पंत का श्रेष्ठ प्रगीत है इसमें उन्होंने तत्कालीन भारत का अर्थात चित्र प्रस्तुत किया है यह प्रगति भावात्मक कम विचारात्मक ज्यादा है

कभी कहता है कि भारत माता गांव में निवास करती है ग्रामवासिनी भारत माता का धूल से भरा हुआ महिला सा श्यामल अंचल खेतों में फैला हुआ है गंगा जमुना मानो ग्रामवासिनी भारत माता की दो आंखें हैं जिनमें उनकी पवित्रता जनित वेदर से विस्तृत आशु का जल भरा हुआ है वह मिट्टी की प्रतिमा से उदास दिखाई पड़ती है गरीबों ने उसे चेतना ही बना दिया वह झुकी हुई चितवन से ना जाने किसे एकटक निहार रही है उसके आधारों पर चिरकाल से निशब्द रोदान का दाग है अंधकार से उसका मन विषाद ग्रस्त है वह अपने ही घर में प्रवासिनी बनी हुई है।

पंत ने प्रस्तुत प्रतीत में भारतवासियों का अर्थात चित्र प्रस्तुत किया है भारत वासियों के तन पर पर्याप्त वस्त्र नहीं है वह अदनान गए हैं उन्हें कभी भरपेट भोजन नहीं मिलता वह शोषित और निहत्थे है वह मूर्ख और सभ्य शिक्षित और निर्धन है वह विवश और असहाय हैं ज्ञानी और क्षोभ से उनके मस्तक झुके हुए हैं रोना उनकी नियति बन चुका है उनमें अपूर्ण सहनशीलता है भारत की सारी समृद्धि विदेशियों के पैरों पर पड़ी हुई है भारत माता धरती ही सहित समूह है उसका मन कुंठित है उसके आधर क्रंदन कपित है।शारविदुहासिनी भारत माता का हास्य राहु ग्रसित है अर्थात उसके जीवन में हर्ष के लिए कोई स्थान नहीं है उसकी भृकुटि पर चिंता की रेखाएं साफ देखी जा सकती है। वाष्पाच्छादित आकाश की तरह उसकी आंखें झुकी हुई है उसका आनंद से पूर्ण चंद्रमा से उम्मीद किया जा सकता है गीता प्रकाश ने भारत माता ज्ञान मूड है आज उसका तब और संयम सफल हो गया है उसने आहिस्ता रूपी अमृत के समान अपना दूध पिला कर भारत के लोगों के मन के भीतर के अंधकार और भय को दूर कर दिया है भारत माता जग जननी और जीवन को नई दिशा देने वाली है

Kavya Khand Bharat Mata ka subjective prashn


कक्षा 10वीं हिंदी काव्य खंड का ऑब्जेक्टिव प्रश्न