BSEB Class 10th Social Science Subjective :- दोस्तों यहां पर आप सभी का कक्षा 10वीं सामाजिक विज्ञान का प्रश्नावली अअर्थव्यवस्था और आजीविका सब्जेक्टिव प्रश्न कक्षा 10वीं का महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय दिया है जो मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए काफी महत्वपूर्ण है तो इसे शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें | arthvyavastha aur ajivika subjective question
मैट्रिक परीक्षा का सोशल साइंस का अर्थव्यवस्था और आजीविका सब्जेक्टिव प्रश्न
1. औद्योगिकीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर — औद्योगिकीकरण के कारण घरेलू उद्योगों के मालिक अब मजदूर बन गए । इनकी आजीविका उद्योगपतियों के द्वारा दिए गए वेतन पर निर्भर थी । उस समय इंगलैण्ड में कानून मिल – मालिकों के समर्थन में था । औरतों एवं बच्चों से 16 से 18 घंटे तक काम लिया जाता था । मशीनों एवं यंत्रों के सामने घरेलू हस्तनिर्मित उद्योगों का विकास संभव नहीं था । इन्हीं कारखानों ने उन्हें बेरोजगार बना दिया था । फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों का जीवन कष्टमय था । औद्योगिकीकरण ने मजदूरों की आजीविका के साधनों को समाप्त कर दिया था । ये दैनिक उपभोग की वस्तुओं को भी खरीदने की स्थिति में नहीं थे ।
2. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर — 1948 ई ० में ‘ न्यूनतम मजदूरी कानून ‘ पारित हुआ जिसमें कुछ उद्योगों में मजदूरी की दरें तय की गईं । पहली पंचवर्षीय योजना में न्यूनतम मजदूरी कानून को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया । द्वितीय पंचवर्षीय योजना में यह कहा गया कि न्यूनतम मजदूरी ऐसी होनी चाहिए कि जिससे मजदूरों की स्थिति उनके अपने गुजर – बसर के स्तर से अधिक हो । तीसरी पंचवर्षीय योजना में मजदूरी बोर्ड की स्थापना हुई तथा बोनस देने के लिए बोनस आयोग की नियुक्ति हुई ।
3. कोयला एवं लौह उद्योग ने किस प्रकार औद्योगिकीकरण को गति प्रदान की ?
उत्तर — ब्रिटेन में कोयले एवं लोहे की खानें थीं । वस्त्र उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर निर्भर कर रही थी । वाष्प के इंजन बनने के बाद रेलवे इंजन बनने लगे जो कारखाना के लिए कच्चा माल लाने तथा तैयार माल ले जाने में सहायक सिद्ध हुआ । 1815 ई ० में हम्फ्री डेवी ने खानों में काम करने के लिए ‘ सेफ्टी लैम्प ‘ ( Sefety Lamp ) का आविष्कार किया । 1815 ई . में हेनरी बेसेमर ने लोहा को गलाने की भट्ठी का आविष्कार किया । नई – नई मशीनों को बनाने के लिए लोहे की आवश्यकता बढ़ती गई । नवीन आविष्कारों के कारण लोहे का उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगा जिससे आने वाले युग को ‘ इस्पात युग ‘ भी कहा गया । इस प्रकार कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगिकीकरण को गति प्रदान की । Bihar Board
4. औद्योगिकीकरण से आप क्या समझते हैं ? अथवा , औद्योगिक क्रान्ति क्या है ?
उत्तर — औद्योगिकीकरण औद्योगिक क्रांति की देन है , जिसमें वस्तुओं का उत्पादन मशीनों के द्वारा होता है । इसमें उत्पादन वृहत् पैमाने पर होता है और उत्पादन के खपत के लिए बड़े बाजारों की आवश्यकता होती है । औद्योगिकीकरण नये – नये मशीनों का आविष्कार एवं तकनीकी विकास पर निर्भर करता है । औद्योगिकीकरण के प्रेरक तत्व के रूप में मशीनों के अलावा पूँजी निवेश एवं श्रम का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है । अतः , औद्योगिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन मशीनों के द्वारा कारखानों में होता है । इस प्रक्रिया में घरेलू उत्पादन पद्धति का स्थान कारखाना पद्धति ले लेता है ।
5. स्लम से आप क्या समझते हैं ? इसकी शुरुआत क्यों और कैसे
उत्तर — छोटे , गन्दे और अस्वास्थकर स्थानों में आवासीय स्थल ‘ स्लम ‘ कहलाते हैं । औद्योगिकीकरण के दौरान शहर में रहने वाले श्रमिकों के लिए आवास की समस्या उत्पन्न हुई और उन्हें नारकीय स्थितियों में रहने को विवश होना पड़ा । इस प्रकार ‘ स्लम ‘ क्षेत्रों की शुरुआत हुई ।
6. घरेलू और कुटीर उद्योग को परिभाषित करें ।
उत्तर — लघु उद्योग – वैसे उद्योग जो छोटे पैमाने पर किया जाता है । जो स्वयं एवं कुछ लोग मिलकर चलाते हैं उसे लघु उद्योग कहते हैं । लघु उद्योग देश की अर्थव्यवस्था के रीढ़ हैं । देश की औद्योगिक उत्पादन में इसका अंशदान 35 प्रतिशत है । देश के निर्यात में 40 प्रतिशत का योगदान है । कुटीर उद्योग – कुटीर उद्योग का अर्थ ऐसे उद्योग से है जिनका स्वतंत्र कारीगर स्वयं तथा अपने परिवार की सहायता से अपनी पूँजी एवं साधारण औजारों से छोटे पैमाने पर चलाता है उसे कुटीर उद्योग कहते हैं ।
7. औद्योगिक आर्योग की नियुक्ति कब हुई ? इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर — औद्योगिक आयोग की नियुक्ति 1916 ई ० में हुई । इसका उद्देश्य भारतीय उद्योग एवं व्यापार का पता लगाकर उसे सरकारी सहायता देना था ।
8. फैक्ट्री प्रणाली के विकास के लिए उत्तरदायी किन्हीं दो कारणों का उल्लेख करें । अथवा , फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बताएँ ।
उत्तर — औद्योगिकीकरण के कारण फैक्ट्री प्रणाली का विकास हुआ । फैक्ट्री प्रणाली ने उद्योग एवं व्यापार के नये – नये केन्द्रों को जन्म दिया । जैसे लंकाशायर सूती वस्त्र उद्योग केन्द्र ।
Arthvyavastha aur Ajivika Subjective Question Class 10th
9. बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति कैसे हुई ?
उत्तर — औद्योगिकीकरण के रिणामस्वरूप ही बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति हुई । इसे ही मध्यम वर्ग कहा जाता है जिसने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अंग्रेजों की शोषणमूलक नीति के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाई ।
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10. उद्योगों के विकास ने किस प्रकार मजदूरों को प्रभावित किया ? उनपर पड़ने वाले प्रभावों पर आपकी क्या राय है ?
उत्तर — उद्योग के विकास ने सामाजिक भेदभाव में वृद्धि की । समाज में पूँजीपति वर्ग , बुर्जुआ वर्ग और श्रमिक वर्ग का उदय हुआ । उद्योगों के विकास के फलस्वरूप पूँजीपति वर्ग ने उत्पादन एवं वितरण पर अधिकार कर श्रमिकों का शोषण भी किया , जिससे वर्ग संघर्ष की शुरुआत हुई ।
11. अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन – कौन – से थे ?
उत्तर — अठारहवीं शताब्दी में वस्त्र , धातु , चीनी तथा चमड़ा आदि भारत के प्रमुख उद्योग थे । सूती वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में भारतीय उपमहाद्वीप विश्व का सर्वश्रेष्ठ उत्पादक क्षेत्र था ।
12. निरुद्योगीकरण से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर — औद्योगीकरण के कारण भारत में कुटीर उद्योगों का ह्रास होने लगा । उद्योगों के इसी हास को निरुद्योगीकरण कहते हैं ।
13. गुमाश्ता कौन थे?
उत्तर — अंग्रेज व्यापारी एजेंट की मदद से भारतीय कारीगरों को पेशगी की रकम देकर उनसे उत्पादन करवाते थे । यहीं एजेंट गुमाश्ता कहलाते थे ।
14. बाड़ाबंदी अधिनियम क्या है ?
उत्तर — ब्रिटेन में बाड़ाबंदी अधिनियम 1792 ई ० से लागू हुआ । बाड़ाबंदी प्रथा के कारण जमींदारों ने छोटे – छोटे खेतों को खरीदकर बड़े – बड़े फार्म स्थापित किये । इसके कारण छोटे किसान भूमिहीन मजदूर बन गये ।
15. 1850-60 के बाद भारत में बगीचा उद्योग के विषय में लि . ।
उत्तर — 1850-60 के बाद भारत में बगीचा उद्योग में नील , चाय , रबड़ , कॉफी और पटसन मिलों की शुरुआत हुई । इन उद्योगों पर अधिकतम विदेशी उद्योगपतियों का प्रभाव था तथा इन्हें सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता था । BSEB Class 10th Social Science
16. औद्योगिकीकरण के कारण क्या थे ?
उत्तर — औद्योगिकीकरण के कारण थे— आवश्यकता आविष्कार की जननी , नई – नई मशीनों का आविष्कार , कोयले एवं लोहे की प्रचुरता , फैक्ट्री प्रणाली की शुरुआत , सस्ते श्रम की उपलब्धता , यातायात की सुविधा तथा उपनिवेश स्थापित करने की होड़ ।
Bihar Board Social Science VVI Subjective Question
17.1813 ई . का चार्टर ऐक्ट क्या था ?
उत्तर — 1813 ई ० का चार्टर ऐक्ट ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम था जिसमें व्यापार पर से ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिपत्य समाप्त कर दिया गया तथा एकाधित्य के स्थान पर मुक्त व्यापार की नीति ( Policy of Free Trade ) का अनुसरण किया गया ।
18. 1881 के प्रथम कारखाना अधिनियम ( फैक्ट्री ऐ परिचय दें ।
उत्तर — 1881 में पहला ‘ फैक्ट्री ऐक्ट ‘ ( कारखाना अधिनियम ) पारित हुआ । इसके द्वारा 7 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखाना में काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया , 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के काम के घंटे तय किये गए तथा महिलाओं के भी काम के घंटे एवं मजदूरी तय की गई ।
19. विश्वव्यापी आर्थिक मंदी ( 1929-33 ) का भारतीय उच क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर — 1929-33 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का भारतीय उद्योगों पर गहरा प्रभाव पड़ा । भारत प्राथमिक सामग्री के लिए आत्म – निर्भर था , जिसका मूल्य घटकर आधा हो गया था । निर्यात किए जाने वाले सामानों का भी मूल्य घट गया था । इस तरह उद्योग पर निर्भर जनता की दिनों – दिन क्षति होने लगी ।
20. द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भारतीय उद्योगों की क्या स्थिति थी ?
उत्तर — द्वितीय विश्वयुद्ध के समय मिलों द्वारा उत्पादित सूती कपड़ों की संपूर्ण मांग भारतीय मिलें ही पूरा कर रही थीं । भारतीय मिल – मालिकों ने इस अवसर का लाभ उठाया और विदेशी बाजारों में प्रवेश करना शुरू कर दिया । युद्ध के समय भारत का अपनी कोई इंजीनियरिंग उद्योग नहीं था और न ही मशीनों या यंत्रों के निर्माण करने का उद्योग था । केवल वे उद्योग ही स्थापित हो सके जो ब्रिटेन या अमेरिका में बनाई जाने वाली मशीनों का गठन करते थे ।
21. यातायात की सुविधा ने औद्योगिकीकरण की गति को किस प्रकार तीव्र किया ?
उत्तर — यातायात की सुविधा ने फैक्ट्री से उत्पादित वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल को फैक्ट्री तक लाने में सहायता की । रेलमार्ग शुरू होने से पहले नदियों एवं समुद्र के रास्ते व्यापार होता था । जहाजों के द्वारा माल को तटों पर पहुँचाया जाता था । रेल के विकास ने औद्योगिकीकरण की गति को तीव्र कर दिया । रेलों द्वारा कोयला , लोहा एवं अन्य औद्योगिक उत्पादनों – को कम समय में और कम खर्च पर ले जाना संभव हुआ । अत : यातायात की इन सुविधाओं ने औद्योगिकीकरण की गति को तीव्र कर दिया ।
22. सस्ते श्रम ने किस प्रकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया ? 7 अथवा , औद्योगिकीकरण के विकास में सस्ते श्रम की भूमिका क्या रही ?
उत्तर — सस्ते श्रम की उपलब्धता औद्योगिकीकरण के विकास के लिए आवश्यक 7 थी । ब्रिटेन में बाड़ाबंदी अधिनियम , 1792 ई . से लागू हुआ । बाड़ाबंदी प्रथा के कारण जमींदारों ने छोटे – छोटे खेतों को खरीदकर बड़े – बड़े फार्म स्थापित किये । किसान , भूमिहीन मजदूर बन गए । बाड़ाबंदी कानून के कारण बेदखल भूमिहीन किसान कारखानों में काम करने के लिए मजबूर हुए । अत : ये कम मजदूरी पर भी 1 काम करने को बाध्य थे । इस सस्ते श्रम ने उत्पादन को बढ़ाने में सहायता की । पतिकप औद्योगिकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ | BSEB Class 10th Social Science
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23. प्रथम विश्वयुद्ध से पहले यूरोपीय तथा भारतीय उद्योगों को वित्तीय व्यवस्था ( पूँजी ) ने किस प्रकार सहायता की
उउत्तर — प्रथम विश्वयुद्ध से पहले यूरोप की बड़ी कंपनियों , जैसे बर्ड हिगलर्स एण्ड कंपनी , एंड्रयूयूल और जार्डीन स्किनर एण्ड कंपनी व्यापार में पूँजी लगाती थी । यह प्रबंधकीय एजेंसियों के द्वारा होता था , जो उद्योगों पर नियंत्रण भी रखती थीं । यद्यपि भारत में 1895 में पंजाब नेशनल बैंक , 1906 में बैंक ऑफ इंडिया , 1907 में इंडियन बैंक , 1911 में सेंट्रल बैंक , 1913 में द बैंक ऑफ मैसूर तथा ज्वाइंट स्टॉक बैंकों की स्थापना हुई । ये बैंक भारतीय उद्योगों के विकास में सहायक थे
24. भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास को लिखें । अथवा , 1850 से 1914 तक भारत में सूती वस्त्र उद्योग का विकास लिखें ।
उत्तर — भारत में कुटीर उद्योग के पतन के बाद देशी एवं विदेशी पूँजी लगाकर वस्त्र उद्योग की कई फैक्ट्रियाँ खोली गई । 1851 में बम्बई में सर्वप्रथम सूती कपड़े की मिल खोली गई । 1854 में पहला वस्त्र उद्योग का कारखाना कावसजी नानाजी दाभार ने खोला । सन् 1854 से 1880 तक 30 कारखानों का निर्माण हुआ । 1880 से 1895 तक सूती कपड़ों की मिलों की संख्या 39 से भी अधिक हो गई । इस समय सस्ता मशीनों का आयात करके भारत में सूती वस्त्र उद्योग को बहुत बढ़ाया गया । 1895 से 1914 तक के बीच सूती मिलों की संख्या 144 तक पहुँच गई थी और भारतीय सूती धागे का निर्यात भी होने लगा ।
Matric Exam Social Science Subjective Question
25. भारत की आजादी के बाद कुटीर उद्योग के विकास में भारत सरकार की नीतियों को लिखें
उत्तर — भारत की आजादी के बाद कुटीर उद्योगों के विकास हेतु भारत सरकार की नीतियों में निम्नलिखित परिवर्तन हुए
( i ) 6 अप्रैल , 1948 की औद्योगिक नीति द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन दिया गया ।
( ii ) 1952-53 ई ० में पाँच बोर्ड बनाये गए , जो हथकरघा , सिल्क , खादी , नारियल की जटा तथा ग्रामीण उद्योग से जुड़े थे । 1956 एवं 1977 ई . की औद्योगिक नीति में इनके प्रोत्साहन की बात कही गई ।
( iii ) आगे 23 जुलाई , 1980 को औद्योगिक नीति घोषणा – पत्र जारी किया गया , जिसमें कृषि आधारित उद्योगों की बात कही गई एवं लघु उद्योगों की सीमा भी बढ़ायी गई ।
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