Class 10th Metal and Nonmetal Subjective:- बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए यहां पर धातु एवं अधातु का लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न किया गया है जो मैट्रिक बोर्ड परीक्षा ( Class 10th Science Objective ) के लिए काफी महत्वपूर्ण है | 10th Class Chemistry dhaatu AVN adhatu subjective
Dhaatu AVN adhatu subjective question answer 10th class
[1] खनिज और अयस्क में क्या अंतर है ?
उत्तर ⇒ पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिको को खनिज कहते हैं। जिन खनिजों से धातु का निष्कर्षण सुलभ ढंग से किया जाता है उस खनिज को अयस्क कहते हैं।
[2] ऐसे धातु का उदाहरण दीजिए जो —
(i) कमरे के ताप पर द्रव होता है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक होता है।
(iv) ऊष्मा का कुचालक होता है।
उत्तर — (i) पारा (ii) सोडियम तथा पोटेशियम (iii) सोना और सिल्वर, (iv) लेड तथा मरकरी।
[3] पोटैशियम तथा सोडियम धातु को केरोसिन तेल में डुबाकर क्यों रखा जाता है ?
उत्तर ⇒ सोडियम तथा पोटेशियम तीव्र अभीक्रियाशील तत्व है। यह वायुमंडलीय ताप पर ही जल उठता है। अतः इसे खुले वायु में रखने से दुर्घटना की सम्भावना होती है। यही कारण है कि इसे किरोसीन तेल में डूबा कर रखा जाता है जिससे इसकी अभिक्रियाशीलता बिल्कुल कम हो जाती है और यह वायुमंडलीय ताप से अप्रभावित रहता है।
[4] आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर ⇒ कुछ धातुओं को पीट कर उनके चद्दर बनाए जाते हैं। इस गुणधर्म को आघातवर्ध्य कहते हैं और धातु आघातवर्ध्य कहलाती है।
किसी धातु के पतले तार खींचे जा सकते हैं। धातुओं के इस गुणधर्म को तन्यता कहते हैं तथा धातु तन्य कहलाती है। एक ग्राम सोने से 2 किमी० लंबा तार बनाया जा सकता है।
[5] आयनिक यौगिको के गलनांक उच्च क्यों होते हैं ?
उत्तर ⇒ आयनिक यौगिक ठोस अवस्था में पाए जाते है। इनमे अंतर आणविक आकर्षण बल काफी मजबूत होते हैं। अंतर आणविक आकर्षण को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि आयनिक यौगिकों की गलनांक काफी उच्च होते हैं।
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Matric Pariksha dhaatu AVN adhatu ka subjective question
[6] द्विधर्मी ऑक्साइड क्या है ?
उत्तर ⇒ वैसे ऑक्साइड को द्विधर्मी अथवा उभयधर्मी ऑक्साइड कहे जाते हैं जिनमें अम्लीय और क्षारीय दोनों गुण मौजूद होते हैं। जैसे एलुमिनियम ऑक्साइड। ये अम्लो और क्षारो से अभिक्रिया कर भिन्न – भिन्न यौगिकों का निर्माण करता है।
[7] ध्वानिक (सोनोरस) किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती है तो उनसे एक विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। इसे धातुई ध्वनि कहते हैं। इस प्रकार की धातुएं ध्वानिक कहलाती है। स्कूल की घंटी से निकलने वाली ध्वनि इसका उदाहरण है।
[8] एक्वारेजिया से क्या समझते हैं? इसके क्या उपयोग है ?
उत्तर ⇒ एक्वारेजिया 3 : 1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सांद्र नाइट्रिक अम्ल का ताजा मिश्रण होता है। या गोल्ड को गला सकता है। जबकि दोनों अम्लो में से प्रत्येक की यह क्षमता नहीं है। एक्वारेजिया भभकता द्रव होने के साथ प्रबल संक्षारक है। यह उन अभिकर्मंकों में से एक है जो गोल्ड तथा प्लैटिनम को भी आसानी से अगला सकता है।
[9] संक्षारण से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ जब धातु सतह जल, वायु अथवा आस – पास के अन्य किसी पदार्थ से प्रभावित होती है तो इसे धातु का संक्षारित होना कहते हैं तथा इस परिघटना को संक्षारण कहा जाता है। गोल्ड तथा सिल्वर जैसी उत्कृष्ट धातुएँ में सुगमतापूर्वक संक्षारित नहीं होती है। एलमिनियम जैसी धातुएँ संक्षारित नहीं होती है।
[10] चांदी, सोना एवं प्लैटिनम का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है। क्यों ?
उत्तर ⇒ सोना एक कोमल, सुनहले रंग का कीमती धातु है। इसका मुख्य उपयोग आभूषण बनाने में होता है। सोने की शुद्धता को कैरेट में मापते हैं। शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। आभूषण बनाते समय शुद्ध सोने में कम कीमती धातु तांबा या चांदी थोड़ा मिला दिया जाता है, जिससे वह कुछ कठोर बन जाता है। सोने सोने के बने आभूषण 22 कैरेट के होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि इन आभूषणों में 22 भाग सोना 2 भाग तांबा या चांदी की मिलावट है। 24 कैरेट सोना को 18 कैरेट सोने में बदलने के लिए 18 भाग सोना में 6 भाग तांबा या चांदी मिश्रित कर देते हैं। इस प्रकार चांदी तथा प्लैटिनम का उपयोग किया जाता है।
[11] अधातु के दो गुणधर्मों को लिखें।
उत्तर ⇒ (i) अधिकतर अधातुएँ गैसीय अवस्था में पाये जाते हैं।
(ii) अधातुएँ सोनोरस ध्वनि उत्पन्न नहीं करते हैं।
[12] मिश्रधातु क्या है? तांबे के मिश्रधातु के दो उदाहरण दें।
उत्तर ⇒ किसी धातु में अन्य धातु या अधातु की एक निश्चित मात्रा मिलाकर इच्छित गुणधर्म वाली मिश्रधातुएँ प्राप्त की जा सकती है। तांबे के दो मिश्रधातु निम्नांकित है — पीतल और कांसा। पीतल में 80%Cu और काँसा में 90% Cu पाया जाता है।
[13] धातुएँ विद्युत के सुचालक क्यों होती है ?
उत्तर ⇒ धातुएं विद्युत के अच्छे चालक होते हैं। यह विद्युत धनात्मक भी हैं। इसमें इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति तीव्र होती है। ये ताप और विद्युत के सुचालक होते हैं। इसके तार से होकर विद्युत का प्रवाह आसानी से की जा सकती है। धातुओं की चालकता उनमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन के कारण होती है। ये इलेक्ट्रॉन धातु से होकर आसानी से दौड़ सकते हैं। यही कारण है कि धातु विद्युत और ताप के अच्छे चालक हैं।
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Bihar board class 10 dhaatu AVN adhatu subjective question
[14] मिश्रात्वन से क्या समझते हैं ? उदाहरण दें।
उत्तर ⇒ किसी धातु में अन्य धातु अथवा अधातु की एक निश्चित मात्रा मिलाकर इच्छित गुणधर्म वाली मिश्र धातु प्राप्त की जाती है।
इस गुणधर्म को मिश्रात्वन कहा जाता है। पीतल, काँसा ,स्टेनलेस स्टील इनके उदाहरण है।
[15] कारण बताइए एल्युमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
उत्तर ⇒ ऐल्युमिनियम धातु के सतह पर सामान्य ताप पर ऑक्साइड की परत जम जाती है जो इसके पुनः ऑक्सीकरण से सुरक्षित रखता है। इससे इसकी अभिक्रियाशीलता काफी कम हो जाती है। यही कारण है कि ऐल्यूमीनियम अभीक्रियाशील होने के बावजूद इसके बर्तन का उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन के रूप में क्या जाता है।
[16] संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या है? सोडियम परमाणु में स्थित संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या लिखें।
उत्तर ⇒ किसी भी तत्व की संयोजकता उसके परमाणु के सबसे बाहरी कोश में उपस्थित संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है।
मान लिय की एक तत्व Na है। इसकी परमाणु संख्या 11 है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 है।
अतः परमाणु के बाहरी कोष में इलेक्ट्रॉन संख्या 1 है। अतः इसकी संयोजकता 1 होगी।
[17] एनोड पंक क्या है? उदाहरण के साथ समझावें।
उत्तर ⇒ विद्युत शोधन में जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब एनोड पर स्थित अशुद्ध धातु केटायन के रूप में घोल में जाने लगती है उतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु कैथोड पर जमा होती है। घुलनशील अशुद्धियां घोल में चली जाती है। अघुलनशील अशुद्धियां एनोड के नीचे जमा हो जाती है। इन्हें एनोड पंक कहते हैं।
[18] अयस्क ओके समृद्धीकरण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर ⇒ पृथ्वी से निकलने वाले अयस्को में मिट्टी, रेत आदि जैसी कई अशुद्धियां पाई जाती है। इन अशुद्धियों को हटाना अयस्को समृद्धीकरण कहा जाता है।
[19] बिजली के तार पर पॉली विनाइल क्लोराइड ( P. V. C) अथवा रबर जैसी सामग्री की परत चढ़ी होती है, क्यों ?
उत्तर ⇒ पॉलिविनाइल अथवा रबड़ विद्युत के अचालक होते हैं। तार पर किसकी परत चढ़ा देने पर खुले तार द्वारा बिजली के झटकों से हम बच जाते हैं। ऐसा नहीं करने पर बिजली का तार हमारे लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है।
[20] कौन सी धातुएँ आसानी से संक्षारित नहीं होती है ?
उत्तर ⇒ सोना और चांदी ऐसी धातु है जो अभिक्रियाशीलता श्रेणी में सबसे नीचे आती है। ये धातुएं काफी कम अभिक्रियाशील है। ऐसी धातुएँ आसानी से संक्षारित नहीं होती है।
[21] धातुओं का परिष्करण से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर ⇒ अपचयन प्रक्रम से प्राप्त धातुएं शुद्ध नहीं होती है। इनमें अपद्रव्य होते हैं। शुद्ध धातु की प्राप्ति इन। अपद्रव्यों को धातु से हटाकर किया जाता है। अतः अशुद्ध धातुओं से अपद्रव्यों को हटाना धातुओं का परिष्करण कहा जाता है।
[22] कैल्शियम धातु को जल में डालने पर कुछ क्षण जल पर तैरने लगता है क्यों ?
उत्तर ⇒ Ca धीमी गति से जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस के बुलबुले उत्पन्न करते हैं जो धातु की सतह पर चिपक जाते हैं। अतः यह जल की सतह पर तैरने लगते हैं।
[23] धातु के तन्यता का क्या अर्थ है? दो अधिक तन्य धातुओं के नाम लिखें।
उत्तर ⇒ धातुओं को खींचकर उनसे पतले तार बनाए जा सकते हैं। यह गुण तन्यता कहलाती है। दो अधिक तन्य धातुऐं सोना और चांदी है
[24] थर्मिट अभिक्रिया क्या है ?
उत्तर ⇒ आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) के साथ ऐल्युमिनियम की अभिक्रिया काफी तीव्र होती है और काफी उष्मा निकलता है इसका उपयोग रेल की पटरियों को जोड़ने में होता है। इस अभिक्रिया को थर्मिट अभिक्रिया कहते हैं।
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कक्षा 10वीं धातु एवं अधातु का सब्जेक्टिव प्रश्न
[25] जब धातुएँ नाइट्रिक अम्ल से अभिक्रिया करती है तो हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित नहीं होता है। क्यों ?
उत्तर ⇒ क्योंकि HNO3 एक प्रबल ऑक्सीकारक है जो उत्पन्न हाइड्रोजन को ऑक्सीकृत करके जल में परिवर्तित कर देता है एवं स्वयं नाइट्रोजन के किसी ऑक्साइड ( N2O, NO, NO2) में अपचयित हो जाता है। लेकिन Mn ही एक ऐसा धातु है जो अति तनु HNO3 के साथ अभिक्रिया कर H2 गैस उत्पन्न करता है।
S.N | रसायन विज्ञान [ CHEMISTRY ] – OBJECTIVE |
1 | रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण |
2 | अम्ल क्षारक एवं लवण |
3 | धातु एवं अधातु |
4 | कार्बन एवं उसके यौगिक |