10th Class Hindi Subjective Question

10th Class Hindi Subjective Question 2022 | कक्षा 10वीं हिंदी काव्य खंड सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर

Class 10th Hindi

10th Class Hindi Subjective Question:-  इस पोस्ट में कक्षा 10 के हिंदी काव्य खंड का प्रश्नावली 1 का महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है जो BSEB मैट्रिक परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है | हिंदी काव्य खंड सब्जेक्टिव प्रश्न | Matric Pariksha Hindii ka subjective prashn | Bihar Board 10th class Hindi subjective question


Class 10th Hindi Subjective Question Answer | Matric Exam Hindi Question 

1.Q कवि ने परजन्य किसे कहा है और क्यों

उत्तर कवि घनानंद ने अपनी कविताओं अति शुधो सनेह को मारग है। मो अॅसुवानिहि लै बरसौ में बादलों को प्राजंय कहा है बादल पर हित के लिए देह धारण करते हैं अपने अमृत स्वरूप जल से हुए सूखी धरती को सरस बनाते हैं।

2.Q परहित के लिए ही देह कौन धारण करता है स्पष्ट कीजिए।

उत्तर परहित के लिए ही देश बादल हरण करता है वादल जल की वर्षा करके सभी प्राणियों को जीवन देता है प्राणियों में सुखचैन स्थापित करता है उसके विवाह के आंसू अमृत की वर्षा कर जीवनदाता हो जाता है।

3.Q कवी कहां अपने आंसुओं को पहुंचाना चाहता है और क्यों

उत्तर कवी अपनी प्रेयषी सुजान के लिए विरह वेदना को प्रकट करते हुए बादल से अपने प्रेमाश्रुओ को पहुंचाने के लिए कहता है वह अपने आंसुओं को सुजान के आंगन में पहुंचाना चाहता है क्योंकि वह उसकी याद में व्यस्त है और अपनी व्यथा के आंसुओं से प्रेयषी को भिगो देना चाहता है।

4.Q घनानंद के द्वितीय छंद किसे संबोधित है और क्यों

उत्तर द्वितीय छंद बादल को संबोधित है इसमें मेघ की अन्य के माध्यम से विरह वेदना की अभिव्यक्ति है मेघ का वर्णन किया गया है कि मेघ विरह वेदना के अश्रु धारा प्रवाहित करने का जीवंत उदाहरण है

5.Q कवी प्रेम मार्ग को अति सूधो क्यों कहता है इस मार्ग की विशेषता क्या है।

उत्तर कवी प्रेम की भावना को अमृत के समान पवित्र एवं मधुर बताते हैं यह कहते हैं कि प्रेम मार्ग पर चलना सरल है इस पर चलने के लिए बहुत अधिक छल कपट की आवश्यकता नहीं है।

6.Q सवैये में कवि की कैसी आकांक्षा प्रकट होती है भावार्थ बताते हुए स्पष्ट करें।

उत्तर प्रेम रसिक कवि रसखान द्वारा रचित सवैये में कवि की आकांक्षा प्रकट हुई है इसके माध्यम से कवि कहते हैं कि कृष्ण लीला की छवि के सामने अन्य आया दृश्य बेकार है कवि कृष्ण की लकुटी और कमरिया पर तीनों लोगों का राज नश्वर कर देने की इच्छा प्रकट करते हैं नंद की गाय चराने की कृष्ण लीला का स्मरण करते हुए कहते हैं कि उनके चढ़ाने में आठों सिद्धियां और नव निधियों का सुख भुला जाना स्वाभाविक है ब्रज के वनों के ऊपर करोड़ों इंद्र के धाम को न्यौछावर कर देने की आकांक्षा कभी प्रकट करते हैं।

7.Q प्रेम अयनी श्री राधिका करील के कुंजन ऊपर वारौं का कविता का सारांश लिखें।

उत्तर पाठ्यपुस्तक में प्रेम यानी श्री राधिका शीर्षक के अंतर्गत चार दोहे संकलित है तथा करील के कुंजन ऊपर वारौं शीर्षक कविता के अंतर्गत एक सवैये संकलित है।

रसखान कवि कहते हैं कि श्री राधिका प्रेम की खान है और श्री कृष्ण का सारा व्यक्तित्व प्रेम के रंग में सराबोर है प्रेम रूपी वाटिका के यह दोनों मालीन माली है ।

प्रेमिका राधा की आंखें जब से श्री कृष्ण की आगे से मिली है तब से हुए कृष्ण मिलन के लिए बेचैन रहने लगी है धनुष पर खींचे गए बांध के समान उनकी आंखें बड़ी कोशिश के बाद उनके वश में होती है पर कृष्ण दर्शन की व्यवस्था में उनकी आंखें स्थाई रूप से उनके वश में नहीं रह पाती वह धनुष से छूटे तीर की तरह श्री कृष्ण की आकर्षक छवि की ओर बड़ी तेजी से चल पड़ती है

नंदकिशोर श्री कृष्ण राधा का मन रूपी मान्य चुरा लिया है मन के चोरी चले जाने से राधा फिर में पड़ गई है बेईमान होने के कारण राधा का जीना मुश्किल हो गया है।

जिस दिन से राधा की आंखें प्रियतमा कृष्ण से लगी है उस दिन से चित्र चोर कृष्ण को वह क्षण भर के लिए भी अपनी आंखों से दूर करना नहीं चाहती।

पाठ्य पुस्तक में संकलित रसखान के सवैये में कवि की श्री कृष्ण और ब्रिज के प्रति अन्याय भक्ति अभिव्यक्त हुए हैं कभी के लिए श्री कृष्ण की छोटी लाठी और कमली इसलिए महत्वपूर्ण है कि तीनों लोकों का राज्य भी उनके सामने तुच्छ है कवि कहता है कि मुझे यदि तीनों लोकों का राज भी प्राप्त हो जाए तो मैं कृष्ण की लाठी और कमली की महत्ता के समक्ष उसे तुझे समझूंगा और उसका त्याग कर दूंगा मुझे तो नंद की गाय चराते समय अपार सुख मिलता है उसके आगे तो आंखों से जियो और नव निधियों का सुख भी कुछ नहीं है रसखान कवि के भीतर ब्रिज के 1 बाघ और तलाक को देखने की लालसा तीव्र होती है वह कहते हैं कि सोने चांदी के करोड़ों महल भी ब्रिज के करीब कुंजो की क्षमता नहीं कर सकते मुझे यदि कोई सोने चांदी के करोड़ों महल दे तब भी मैं उन्हें अस्वीकार कर दूंगा और ब्रिज के करीब कुंज ओके वैभव से प्राप्त अनंदा भूति को अपने जीवन की महत्वपूर्ण पूंजी मानूंगा।


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