satta mein sajhedari ki karyapranali subjective question class 10th

  सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली Subjective Question | Matric Exam 2022 Political Science Subjective Question

Class 10th Social Science

satta mein sajhedari ki karyapranali :- इस पोस्ट में सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली का महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है जो बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा के लिए काफी ही महत्वपूर्ण है | Matric Exam 2022 Political Science Subjective Question 

  सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली Subjective Question | Matric Exam 2022


1.Q सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र में क्या महत्व रखती है

उत्तर सत्ता की साझेदारी ही लोकतंत्र का मूल मंत्र है लोकतंत्र में जनता ही परिस्थितियों का स्रोत एवं उपभोग करने वाला होता है लोकतंत्र में समाज के विभिन्न समूह एवं विचारों को उचित सम्मान दिया जाता है लोकतंत्र में ही विभिन्न सामाजिक समूहों के हितों एवं जरूरतों का सामना कर उसके बीच मतभेद तथा टकराव को दूर किया जाता है तथा देश प्रगति के पथ पर सदा अग्रसर रहता है


2.Q सत्ता की साझेदारी के अलग अलग तरीके क्या है

उत्तर लोकतंत्र में सरकार की सारी शक्ति किसी एक अंग में सीमित नहीं रहती है बल्कि सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बंटवारा होता है यही बटवारा सरकार के एक ही स्तर पर होता है उदाहरण के लिए सरकार के तीनों अंगों विधायिका कार्यपालिका एवं न्यायपालिका केबी सत्ता का बंटवारा होता है और यह सभी एक ही स्तर पर अपनी अपनी शक्तियों का प्रयोग करके सत्ता में साझीदार बनते हैं सरकार के स्तर पर सत्ता के ऐसे बंटवारे को हम सत्ता का बीज वितरण कहते हैं सत्ता में साझेदारी की दूसरी कार्यप्रणाली में सरकार के विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बंटवारा होता है सत्ता के इस बंटवारे को हम सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण कहते हैं


3.Q पंचायती राज्य से आप क्या समझते हैं

उत्तर आज का युग लोकतंत्र का युग है लोकतंत्र में शासन के विकेंद्रीकरण पर विशेष बल दिया जाता है भारतीय प्रशासन में भी विकेंद्रीकरण के सिद्धांतों को अपनाए जाने की आवश्यकता प्रतीत हुई इस सिद्धांत को कार्य रूप देने के उद्देश्य से भारत की संघ सरकार ने बलवंत राय मेहता समिति का गठन किया इस समिति ने सिफारिश की भारत में पंचायती राज्य की स्थापना की जाए इसके अनुसार ग्राम प्रखंड एवं जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं का गठन किया जाए


4.Q ग्राम रक्षा दल से क्या समझते हैं

उत्तर ग्राम पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों की स्वायत्त संस्थाओं में सबसे नीचे अस्तर है लेकिन इसका अस्थान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ग्राम पंचायतों के प्रमुख अंग में 1 अंक ग्राम रक्षा दल भी है यहां गांव की पुलिस व्यवस्था है जो 18 से 30 वर्ष की आयु वाले युवक शामिल हो सकते हैं सुरक्षा दल का एक नेता भी होता है जिसे दलपति कहते हैं इसके ऊपर गांव की रक्षा और शांति का उत्तरदायित्व होता है


5.Q ग्राम कचहरी के गठन एवं शक्ति का वर्णन करें

उत्तर प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में नया एक कार्यों को संपन्न करने के लिए 1 ग्राम कचहरी का गठन किया जाता है बिहार में पंचायत राज अधिनियम 2006 के अनुसार ग्राम कचहरी का गठन निर्वाचन द्वारा किया जाता है जिसमें एक निर्वाचित सरपंच और निश्चित संख्या में निर्वाचित पंच होते हैं प्रत्येक पंच लगभग 500 आबादी का प्रतिनिधित्व करता है ग्राम कचहरी में भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पिछड़े तथा महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत जैसा ही आरक्षण का प्रावधान है ग्राम कचहरी का प्रधान सरपंच होता है निर्वाचन के बाद प्रत्येक ग्राम कचहरी अपनी पहली बैठक में निर्वाचित पंचों में से बहुमत द्वारा एक उपसरपंच का चुनाव करती है ग्राम कचहरी का एक सचिव होता है जिसे नया मित्र के नाम से जाना जाता है इस की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है

ग्राम कचहरी को भारतीय दंड संहिता के अनेक धाराओं से संबंधित मुकदमों की सुनवाई करने का अधिकार है यह दीवानी और फौजदारी दोनों प्रकार के मुकदमों की सुनवाई करती है ग्राम कचहरी को ₹10000 तक के दीवानी मुकदमे सुनने का अधिकार प्राप्त है ग्राम कचहरी की न्याय पीठ किसी अपराधी को ₹1000 से अधिक जुर्माना नहीं कर सकते


6.Q नगर निगम की आय के प्रमुख साधनों को बताएं

उत्तर नगर निगम अपने कार्यों के संचालन हेतु कई प्रकार के आय अर्जित करता है नगर निगम कई प्रकार के कर लगाता है विभिन्न प्रकार के करों में मकान कर नल कर शौचालय कर पशुओं पर कर छोटे वाहनों पर कर ठेला रिक्शा यादी सभी का कर प्रमुख है।

ऐड करो से प्राप्त आय की राशि इतनी कम होती है कि नगर निगम का कार्य इसे से नहीं चल पाता जिसके चलते राज्य सरकार समय-समय पर आर्थिक अनुदान देखकर निगम के वार्षिक बजट की क्षतिपूर्ति करती है नगर निगम विभिन्न प्रकार के नीलामी के माध्यम से भी आए अर्जित करता है।


Satta Mein Sajhedari ki Karyapranali Subjective Class 10th 

7.Q राजनीतिक दल किस तरह से सत्ता में साझेदारी करते हैं

उत्तर राजनीतिक दल लोगों के ऐसे संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है अतः विभिन्न राजनीतिक दल सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा के रूप में काम करते हैं उनकी आपसे प्रतिद्वंदिता यह निश्चित करती है कि सत्ता हमेशा किसी एक व्यक्ति या संगठित व्यक्ति समूह के हाथ में ना रहे अगर हम राजनीतिक दलों के इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि सत्ता बारी-बारी से अलग-अलग विचारधाराओं और समूह वाले राजनीतिक दलों के हाथ में आती जाती रहती है


8.Q भारत में संघवाद का विकास कैसे हुआ

उत्तर स्वाधीनता आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय संघर्ष का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस पार्टी शुरू से ही संघीय व्यवस्था का समर्थक रहे उसका अपना संगठनात्मक ढांचा भी इसी आधार पर बना उन्हें संगठित संविधान सभा का आधार भी संघवाद था क्योंकि इसमें प्रांतों के प्रतिनिधि वहां भी विधान सभा द्वारा संप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली के द्वारा चुने गए थे और देसी साइटों के अधिकतर प्रतिनिधि को उनके शासकों ने नामजद किया था


9.Q सत्ता में साझेदारी करने में गठबंधन की राजनीति की भूमिका बताएं

उत्तर सत्ता में साझेदारी का प्रत्यक्ष रूप तब दिखता है जब दो या दो से अधिक पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती है या सरकार का गठन करती है इसीलिए सत्ता की साझेदारी का सबसे अधतन गठबंधन की राजनीति या गठबंधन की सरकारों में दिखता है जब विभिन्न विचारधाराओं विभिन्न सामाजिक समूहों और विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय हिंदुओं वाले राजनीतिक दल एक साथ एक समय में सरकार की एक स्तर पर सत्ता में साझेदारी करते हैं।


10.Q सत्ता के विकेंद्रीकरण का क्या अर्थ है

उत्तर सत्ता के विकेंद्रीकरण का तात्पर्य सत्ता को एक स्थान पर केंद्रित ना कर उसका विभिन्न स्तरों पर विभाजित किया जाना है भारत में केंद्र व राज्यों के मध्य शक्ति विभाजन इसका उदाहरण है


11.Q लोकतंत्र में सत्ता में साझेदारी का क्या अर्थ है

उत्तर लोकतंत्र में सत्ता में साझेदारी का अर्थ है कि राजनीतिक प्रक्रिया में नागरिक अधिकारी भागीदारी करें लोकतंत्र में चुनाव रैली मतदान यादी माध्यमों द्वारा जनता राजनीति के सत्ता में भागीदारी करती है लोकतंत्र में सत्ता में जनता के विभिन्न वर्गों की जितनी अधिक साझेदारी होगी लोकतंत्र उतना ही मजबूत व सिद्ध होगा सत्ता में साझेदारी हेतु राजनीतिक जागरूकता अनिवार्य है


12.Q भारत में संघीय शासन व्यवस्था की विशेषताओं का उल्लेख करें

उत्तर संघीय व्यवस्था की सबसे पहली शर्त के रूप में भारतीय संविधान में दो तरह की सरकारों की व्यवस्था की गई है – एक संपूर्ण राष्ट्र के लिए विशेष संघीय सरकार या केंद्रीय सरकार कहते हैं और दूसरी प्रत्येक प्रांतीय इकाई या राज्य के लिए सरकार जिसे हम प्रांतीय या राज्य सरकार कहते हैं

संविधान में स्पष्ट रूप से केंद्र और राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र और अधिकार को बांटा गया है विदाई अधिकारों को तीन सूचियों में तथा केंद्र सूची याद संघ सूची राज्य सूची तथा समवर्ती सूची में उल्लेखित किया गया है

संघीय व्यवस्था में शादी इकाइयों को बराबर अधिकार नहीं मिलते हैं भारतीय संघ में भी कुछ राज्यों को विशेष अधिकार प्राप्त है जैसे कि भारत में जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त है उसका अपना संविधान है बिना उसके सहमति के भारतीय संविधान के कई प्रावधानों को वहां लागू नहीं किया जा सकता है उसके स्थानीय निवासियों के अतिरिक्त कोई भारतीय नागरिकों हा जमीन या मकान नहीं खरीद सकता है।

भारतीय संघवाद की एक विशेषता यह भी है कि भारतीय संविधान को कठोर बनाया गया है ताकि केंद्र और राज्य के बीच अधिकारों के बंटवारे में आसानी से एवं राज्यों की सहमति के बिना फेरबदल नहीं किया जा सके स्वतंत्र एवं सर्वोच्च न्यायालय का की व्यवस्था की गई है जिसे संविधान की व्याख्या केंद्र और राज्य के झगड़े निपटाने के साथ केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए कानूनों की जांच करने उन्हें संविधान के विरुद्ध या गैरकानूनी घोषित करने की शक्ति प्रदान होती है


13.Q राजनीतिक दलों के गठबंधन से आप क्या समझते हैं क्या गठबंधन समय की मांग है

उत्तर राजनीतिक दलों के गठबंधन का तत्व प्रयोग कई राजनीतिक दलों द्वारा सरकार बनाने अथवा चुनाव लड़ने के लिए मिलजुल कर गठबंधन बनाना दलों के गठबंधन बनाना दलों के गठबंधन दो प्रकार के होते हैं प्रथम चुनाव पूर्व राजनीतिक दलों के गठबंधन दूसरे चुनाव बाद सरकार बनाने के लिए गठबंधन चुनाव पूर्व बनने वाले गठबंधन अधिक अस्थाई होते हैं गठबंधन की प्रवृत्ति तब अधिक होती है जब कोई भी दल अकेले बहुमत प्राप्त करने की स्थिति में नहीं होता

भारत में वर्तमान युग गठबंधन का युग है क्योंकि क्षेत्रीय दलों के बढ़ते प्रभाव के कारण कोई भी राष्ट्रीय दल अकेले ही बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाने हेतु सक्षम नहीं है अतः सरकार बनाने हेतु आवश्यक बहुमत जुटाने के लिए दलों में गठबंधन की सरकार है भारत में 1989 के बाद राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की सरकारों का युग चल रहा है गठबंधन की सरकारों की मुख्य कमी यह है कि इसमें सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के निर्धारण में एकरूपता नहीं होती तथा निर्णय निर्माण में अधिक समय लगता है


Matric Pariksha 2022 Mein karyapranali ka subjective question

14.Q त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था से आप क्या समझते हैं बिहार में इसका क्या स्वरूप है

उत्तर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का तात्पर्य है कि इसमें पंचायतों का गठन तीन स्तरों पर किया जाता है प्रथम ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत द्वितीय सबसे ऊपर जिला स्तर पर जिला पंचायत तथा तीसरा इन दोनों के मध्य बीच के स्तर पर क्षेत्र पंचायत या ब्लॉक पंचायत

वैसे तो भारत में पंचायतों का अस्तित्व लंबे समय से रहा है लेकिन त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का आरंभ 1959 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 2 अक्टूबर 1959 को किया गया था 73वें संविधान संशोधन द्वारा 1992 में पंचायतों का पुनर्गठन करके उन्हें संवैधानिक मान्यता प्रदान की गई

बिहार में भी वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू है ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत का चुनाव ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा 5 वर्ष के लिए किया जाता है ब्लॉक किया खंड स्तर पर क्षेत्र पंचायत सदस्यों का चुनाव उस ब्लाक में सम्मिलित ग्राम सभाओं द्वारा किया जाता है चुने हुए सदस्य अपने में से अध्यक्ष का चुनाव करते हैं बिहार में क्षेत्र पंचायत को पंचायत समिति कहते हैं जिला स्तर पर जिला परिषद के सदस्यों का चुनाव भी जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है इसका भी कार्यकाल 5 वर्ष है


15.Q गठबंधन की सरकारों में सत्ता में साझेदारी कौन-कौन होते हैं

उत्तर जब दो या दो से अधिक पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती है और सरकार का गठन करती है तब ऐसी सरकार को गठबंधन सरकार कहते हैं सत्ता की साझेदारी का सबसे अधतन रूप गठबंधन की राजनीति या गठबंधन की सरकारों में दिखता है गठबंधन की सरकार में सत्ता की साझेदारी विभिन्न विचारधाराओं विभिन्न सामाजिक समूह और विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय हिंदुओं वाले राजनीतिक दल एक साथ एक समय में सरकार के एक स्तर पर सत्ता में साझेदारी करते हैं भारत में 1990 ईस्वी के बाद गठबंधन की राजनीति काफी बढ़ गई है केंद्र में UPA संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पिछली सरकार गठबंधन सरकार का ही उदाहरण थी


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