वर्णिका भाग – 2 | धरती कब तक घूमेगी Subjective
वर्णिका भाग – 2 :- धरती कब तक घूमने की प्रश्नावली से संबंधित महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न इस पोस्ट में दिया गया है जो मैट्रिक परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है दोस्तों यदी आप सभी लोग इस बार मैट्रिक परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तो इस पोस्ट को शुरू से अंत तक पढें |
1.Q सीता अपने ही घर में क्यों घुटन महसूस करती है
उत्तर ⇒ सीता तीन बेटो की एक बूढ़ी विधवा मां है उसके तीनों बेटे मां के खाना को लेकर आपस में झगड़ते रहते हैं उसकी बहू में भी आपस में झगड़ते रहती है इसीलिए उसे अपने घर में घुटन महसूस होती है।
2.Q पाली बदलने पर अपने घर दादी मां के खाने को लेकर बच्चे खुश होते हैं जबकि उनके माता-पिता नाखुश बच्चे की खुशी और माता-पिता की ना खुशी के कारण पर विचार करें
उत्तर ⇒ पाली बदलने पर बच्चे खुश होते हैं क्योंकि जिस बच्चे के घर दादी मां के खाने की बारी आती है दादी मां उस बच्चे के साथ खाती है एक साथ बातें करती है रहती है बच्चों को दादी मां का सहचार्य मिलता है इसीलिए हुए खुश रहते हैं बच्चों के माता-पिता को उनके लिए रोटी का जुगाड़ करना पड़ता है इसीलिए उन्हें दुखः होता है उन्हें यह याद नहीं आता है कि वे भी कभी बूढ़े होंगे और उनको भी अपने बच्चों के यहां पाली में खाने को मिलेगा।
धरती कब तक घूमेगी Subjective Question
3.Q इस समय उसकी आंखों के आगे ना तो अंधेरा था और ना ही उसे धरती और आकाश के बीच घुटन हुई प्रसंग व्याख्या करें
उत्तर ⇒ प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्यपुस्तक की धरती कब तक घूमेगी शीर्षक कहानी से उदित है यह कहानी राजस्थानी भाषा की कहानी का हिंदी अनुवाद है यह कहानी भले ही कि परिवार को देखकर लिखी गई हो परंतु हर घर की कहानी है इस पंक्ति के द्वारा लेखक ने मां के दुखों को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है एक मां अपने भक्तों के यहां पाली में खाती है 1 महीने एक के यहां फिर दूसरे के यहां फिर तीसरे के यहां वह जिसके यहां खाती है उसका कुछ काम भी कर देती है परंतु महीना पूरा होने पर उसे दूसरे के यहां जाना पड़ता है अंत में उसके बेटे ने सोचा कि उसे तीन भाई पैसा देंगे और वह खुद बनाकर खाएगी उसे बहुत बुरा लगता है मां बेटे और रोटी में रोटी जीत जाती है दूसरे दिन वह अंधेरी सुबह में ही अपने कुछ सामान को लेकर घर से निकल जाती है कहीं कमा कर खाने के लिए उसे अच्छा लगता है कि कम से कम अपने बेटे को मां की रोटी के लिए झगड़ते तो नहीं देखेगी इसे दुनिया अच्छी लगती है।
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4.Q सीता का चरित्र चित्रण करें
उत्तर ⇒ सीता तीन बेटों की एक बूढ़े और विधवा मां है मां अपने बेटों के लिए क्या कुछ नहीं करती है परंतु वही बेटा मां पिता के बूढ़े हो जाने पर रोटी देने में भी फिजूल खर्च समझता है सीता के साथ भी ऐसा ही होता है फिर भी वह कुछ नहीं बोलती है चुपचाप सब कुछ चाहती है परंतु बेटे और बहू है उसे लेकर आपस में झगड़ते रहते हैं वह अपने बेटों से प्यार करती है वह मुझसे भी प्यार करती है तथा पोते पोतियो से भी प्यार करती है सबका काम ही कर देती है अंत में जब उसके बेटे पैसे देकर खुद बनाकर खाने की बात करते हैं तो इसका धैर्य समाप्त हो जाती है परंतु फिर भी वह किसी से कुछ नहीं कहती है और चुपचाप घर से निकल पड़ती है खुद कमा कर खाने के लिए अंत में सीता यह बताने का प्रयास करती है कि धैर्य की भी एक सीमा है।
10th Hindi Subjective question answer
5.Q कहानी के शीर्षक की सार्थकता प्रस्तुत करें
उत्तर ⇒ कहानी का शीर्षक कहानी को समझने का प्रथम द्वारा होती है कहानी का शीर्षक है धरती कब तक घूमेगी यहां पर धरती मां को कहा गया है धरती अपनी संतान को हर तरह का सुख देती है चाहे उसकी संतान कैसे भी हो मां भी तो ऐसा ही है शायद इसीलिए ही मां की गति भी धरती मां जैसी हो जाती है बेटे के द्वारा मां को पाली में खाना दी जाती है। एक के बाद दूसरे के यहां दूसरे के बारे तीसरे के यहां धरती भी घूमती रहती है अपने अक्ष पर लेकिन धरती मां और इस माह में थोड़ा फर्क है यह जीती जागती मां है इसे खाने के लिए घूमना अच्छा नहीं लगता है यह अपने बच्चों से वही अपनापन चाहती है जो इन्हें बच्चों से रहता है लेकिन ऐसा नहीं होता है तो वह अपने आश्चर्य की खोज में कहीं और चल देती है मारुति धरती कब तक घूमेगी इस तरह यह कहानी मां को धरती के रूप में मानती है इसका शीर्षक धरती कब तक घूमेगी बिल्कुल सार्थक प्रतित होता है लेखक की चिंता इस कहानी के द्वारा प्रकट होती है कि जब बेटा मां को वह प्यार दे पाएगा जो प्यार मां उसे हमेशा देती है
वर्णिका भाग – 2
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