Matric exam 2022 Geography Subjective

Matric exam 2022 Geography Subjective Question | बिहार कृषि एवं वन संसाधन कक्षा 10वीं सबजक्टिव प्रश्न

BSEB Matric or Inter Exam 2024

Matric exam 2022 Geography Subjective :- इस पोस्ट में मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए क्लास 10th Geography का प्रश्नावली बिहार कृषि एवं वन संसाधन का महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न दिया गया है जो बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Class 10th Geography Subjective Question | Bihar Krishi AVN Van Sansadhan subjective

Class 10th Geography Chapter 5 Subjective Question Answer


1.Q बिहार में धान की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें

उत्तर बिहार में धान की फसल खरीफ फसल के अंतर्गत आती है यहां तीन उपजे, बधाई और गहने तथा गरमा होती है यह राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में उत्पन्न की जाती है बिहार की मैदानी भाग अधिक उपयुक्त है क्योंकि जलोढ़ मिट्टी काफी उपजाऊ है यह फसल जून-जुलाई में लगाई जाती है यह उष्णाद्वा जलवायु की फसल है इसके लिए 20 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान एवं 75 से 200 सेंटीमीटर वर्षा एवं अधिक श्रमिक चाहिए।

2.Q बिहार में नगरों के विकास से संबंधित समस्याओं को लिखिए।

उत्तर बिहार में जल संसाधन का उपयोग मुख्य रूप से सिंचाई गृह एवं औद्योगिक संस्थानों में होता है बिहार में सिंचाई के लिए नहर प्रमुख साधन है यह वर्तमान में 95% से अधिक जल संसाधन का उपयोग सिंचाई में होता है इसके अलावा अनियमित एवं और समान वर्षा भी होती है यहां कुछ फसलें शीत ऋतु में होती है और यह मौसम शुष्क रहता है यहां मैदानी भागों में नहरों का विकास अधिक हुआ है क्योंकि यहां पर समतल भूमि मुलायम मिट्टी विस्तृत कृषि क्षेत्र तथा सतत्वाहिनी नदियों द्वारा जल की आपूर्ति होती है उत्तरी बिहार की अधिकतर नदियां हिमालय से निकलने के कारण सतत्वाहिनी है यहां की नहरों में वर्ष भर पानी रहता है इसके विपरीत दक्षिण गंगा के मैदान पर नखरे छोटा नागपुर पठार से निकलने के कारण बरसाती है इस में वर्ष भर पानी नहीं रहता।

3.Q बिहार में दलहन के उत्पादन एवं वितरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर बिहार के दलहन फसलों में चना , मसूर , खेसारी मटर , रवि दलहन की फसलें हैं। जबकि अरहर और मूंग खरीफ दलहन की फसलें हैं। 2006 से 2007 ईस्वी में बिहार में रवि दलहन की खेती 519.6 हजार हेक्टेयर भूमि में की गई तथा खरीफ दलहन की खेती 87.26 हजार हैक्टेयर क्षेत्र के किया गया दलहन उत्पादन में पटना जिला का स्थान बिहार में सबसे आगे है जबकि औरंगाबाद और कैमूर जिले क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है

4.Q कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है इस कथन की व्याख्या कीजिए

उत्तर बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है यहां की 80% आबादी कृषि पर निर्भर है झारखंड से अलग हो जाने के बाद बिहार के लोगों के लिए कृषि का महत्व बढ़ रहा है 2005 से 2006 से 59.73% भूमि पर कृषि की जाती है बिहार में धान , गेहूं , मक्का , गन्ना , तंबाकू , ज्वार तिलहन दलहन फसलें होती है यहां सकल घरेलू उत्पादन में कृषि का योगदान सर्वाधिक है इसीलिए कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी बिहार को कहा जाता है

5.Q बिहार में वन संपदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए

उत्तर बिहार विभाजन के बाद बिहार में वनों की स्थिति दयनीय हो गई है वर्तमान में अधिकतर भूमि कृषि योग है बिहार में 764.47 हेक्टेयर में वन क्षेत्र बच गया है जो बिहार के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 6.87% है यहां प्रति व्यक्ति वन भूमि का औसतन मात्र 0.05 हेक्टेयर है जो राष्ट्रीय औसत 0.53 हेक्टेयर से बहुत ही कम है बिहार में 38 जिले में से 17 जिलों में वन क्षेत्र समाप्त हो गया है पश्चिमी , चंपारण, मुंगेर, बांका, जमुई , नवादा , नालंदा , गया , रोहतास, कैमूर, और औरंगाबाद जिलों में वनों की स्थिति कुछ बेहतर है जिसका कुल क्षेत्रफल 3700 वर्ग किलोमीटर है देश में अब क्रमिक वन क्षेत्र है जहां वन के नाम पर केवल झुरमुट बच गए हैं सीवान सारण , भोजपुर , बक्सर , पटना , गोपालगंज , वैशाली मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा, मधुबनी , समस्तीपुर बेगूसराय , मधेपुरा, खगड़िया में 1% से भी कम भूमि में मिलते हैं।

10th Class Geography Subjective Question Matric Pariksha 2022

6.Q बिहार में किस भाग में सिंचाई की आवश्यकता है और क्यों

उत्तर बिहार में किशनगंज शिवहर दरभंगा अररिया मधुबनी जिले सिंचित क्षेत्रों की दृष्टि से काफी पीछे है इन जिलों की सिंचाई की आवश्यकता सर्वाधिक है किशनगंज के 21.81% फसल क्षेत्र ही संक्षिप्त है इसके कारण इस क्षेत्र में कृषि में काफी पिछड़ा हुआ है बिहार राज्य कृषि प्रधान राज्य है यह राज्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है यहां अस्थाई सिंचाई की आवश्यकता काफी अधिक है।

7.Q बिहार में ऐसे जिलों का नाम लिखिए जहां 1 विस्तार 1% से भी कम है

उत्तर बिहार में 1% से कम वन वाले जिले का नाम कुछ इस प्रकार है।

1. पटना ( 0.01% )
2. नालंदा ( 0.75% )
3. जहानाबाद ( 0.10% )
4. पूर्वी चंपारण ( 0.02% )
5. खगड़िया ( 0.01% )
6. पूर्णिया ( 0.02% )
7. किशनगंज ( 0.06% )
8. अररिया ( 0.13% )
9. कटिहार ( 0.29% )

8.Q बिहार में बाढ़ की स्थिति का वर्णन करें

उत्तर माउंटेन की अनिश्चितता के कारण बिहार के किसी न किसी भाग में प्रतिवर्ष वार्ड का आगमन होता है बिहार की कोसी बाढ़ की विभीषिका के लिए बदनाम है उत्तरी बिहार के मैदान बाढ़ से अधिक प्रभावित है उत्तरी बिहार में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सासाराम, गोपालगंज वैशाली, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, खगड़िया दरभंगा, मधुबनी इत्यादि है इन क्षेत्रों में मुख्यता घाघरा, गंडक, कमला , बागमती और कोसी नदियों से बाढ़ आती है उत्तरी बिहार की नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के कारण हिमालय तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा है एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में कुल वार्ड क्षेत्र लगभग 64 लाख हेक्टेयर है

9.Q बिहार में वन्यजीवों का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्यों

उत्तर वन और वन्य जीव का संरक्षण महत्वपूर्ण है यह राज्य एवं राष्ट्र का धरोहर होता है जो धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं यह प्राचीन काल से ही वन एवं वन्यजीवों की पूजा की जाती रही है जैसे वट, पीपल, आंवला और तुलसी वन जीवो में चींटी से लेकर साप से विषैले जंतु को भोजन दिया जाता है और पूजा की जाती है पक्षियों को भी दाने देने का प्रचलन है इसीलिए राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए कई कार्यम चलाए जा रहे हैं।

10. नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्यों को लिखें

उत्तर अपार जल संसाधन के उपयोग के लिए बाढ़ की विभीषिका सूखे की प्रचण्डता को देखते हुए बिहार में नदी घाटी योजनाओं का विकास किया गया है। जिससे जल विद्युत उत्पादन सिंचाई मछली पालन पेयजल औद्योगिक उपयोग मनोरंजन एवं यातायात का विकास मुख्य उद्देश्य है।

Samajik Vigyan ka Subjective Question 2022 Class 10th

11Q सोन अथवा कोसी नदी घाटी परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालिए।

उत्तर बिहार की मुख्य नदी घाटी परियोजना निम्नलिखित है

1. सोन नदी घाटी परियोजना
2. गंडक नदी घाटी परियोजना
3. कोसी नदी घाटी परियोजना

सोन नदी घाटी परियोजना – यह परियोजना बिहार की सबसे पुरानी और पहली नदी घाटी परियोजना है इसका विकास अंग्रेज सरकार ने 1874 में सिंचाई के लिए किया था इसने डेरी के पास से पूर्व एवं पश्चिम की ओर नहरे निकाली गई इसकी कुल लंबाई 130 किलोमीटर की इस लहर से पटना एवं गया जिले कई नहरों की कई शाखाएं और अप्सराएं विकसित की गई जिससे औरंगाबाद भोजपुर बक्सर रोहतास जिलों की भूमिका सिंचाई की जाती है और अब कुल 4.5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है इन परियोजना से सूखा प्रभावित क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होने से बिहार का दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्र का प्रति हेक्टेयर उत्पादन काफी बढ़ गया और चावल की अधिक खेती होने लगी इस कारण से इस क्षेत्र को बिहार का चावल का कटोरा कहते हैं
इस बहुउद्देशीय परियोजना के अंतर्गत जल विद्युत उत्पादन के लिए शक्ति ग्रहो की स्थापना की गई और पश्चिमी नहर डेहरी के पास 6.6 मेगावाट उत्पादन क्षमता का शक्ति ग्रीन स्थापित है इसी प्रकार पूर्वी नाहर शाखा पर वरुण नामक स्थान पर 3.3 मेगावाट क्षमता का शक्ति गृह निर्माण किया गया इस परियोजना के नवीनीकरण पर विचार किया जा रहा है सोन नदी पर इंद्रपुरी के पास एक बांध के निर्माण का प्रस्ताव भी है और साडे 400 मेगा वाट पर बिजली उत्पादन का लक्ष्य है

कोसी नदी घाटी परियोजना – इस परियोजना की कल्पना 1896 में किया गया था किंतु वास्तविक रूप में उन्हें 1955 में कार्य प्रारंभ हुआ यह परियोजना नेपाल सरकार भारत सरकार तथा बिहार राज्य की सामूहिक प्रयास का फल है इसका मुख्य उद्देश्य नदी के बदलते मार्ग को रोकना है उपजाऊ भूमि की बर्बादी पर नियंत्रण भयानक बाढ़ से क्षती पर रोक, जल से सिंचाई का विकास , जल विद्युत उत्पादन , मत्स्य पालन , नौका रोहन एवं पर्यावरण पर नियंत्रण यादी है। इस परियोजना को कई चरणों में पूरा किया गया है पहले चरण में मार्ग परिवर्तन पर नियंत्रण बिहार नेपाल सीमा पर स्थित हनुमान नगर स्थान पर बैराज का निर्माण बाढ़ नियंत्रण के लिए दोनों और तटबंध का निर्माण पूर्वी एवं पश्चिमी कोसी नहर एवं उसकी शाखाओं का निर्माण सम्मिलित किया गया इसी क्रम में नदी के दोनों ओर 20 किलोमीटर लंबे बाढ़ नियंत्रण बांध का निर्माण हुआ।

पूर्वी नाहर तथा इसकी प्रमुख सहायक नहरे द्वारा लगभग 14 लाख एकड़ भूमि में सिंचाई की योजना बनाई गई थी इससे पूर्णिया सहरसा मधेपुरा और अररिया जिले में सिंचाई होती है पूर्वी नाहर को और भी वितरित किया गया है इसकी एक शाखा ताजपुर नहर निकाली गई है पश्चिमी नहर से कई उप नैहरे निकलती है पश्चिमी नहर का लगभग 35 किलोमीटर का क्षेत्र नेपाल में पड़ता है और शेष भाग मधुबनी एवं दरभंगा जिले में पड़ता है कोसी बैराज 12.161.30 मीटर लंबा है जो कि 1963 में बनकर तैयार हुआ था।

बिहार कृषि एवं वन संसाधन कक्षा 10वीं सबजक्टिव प्रश्न

12.Q बिहार में कौन-कौन सी फसलें लगाई जाती है किसी एक फसल के मुख्य उत्पादन ओं की व्याख्या कीजिए

उत्तर बिहार में 4 फसलें भदई , अगहनी , रवि एवं गरमा लगाई जाती है

1.भदई – धान , ज्वार , बाजरा , मकई के अलावा जूट एवं सब्जी की खेती होती है इसकी खेती जून से होती है एवं अगस्त सितंबर में कटाई कर ली जाती है

2. अगहनी – बिहार की आधी से अधिक कृषि भूमि पर अगहनी फसल लगाई जाती है यह फसल जून से अगस्त तक लगाई जाती है और नवंबर दिसंबर में काट ली जाती है । धान , बाजरा , अरहर , गन्ना प्रमुख फसल है।

3. रबी – इस फसल में अक्टूबर नवंबर के मध्य लगाया जाता है एवं अप्रैल में काट लिया जाता है । गेहूं , दलहन तिलहन, इसके प्रमुख फसल हैं।

4. गरमा – इस फसल को गर्मी की ऋतु में लगाया जाता है इसमें गरमा धान ग्रीष्मकालीन सब्जियां उगाई जाती है

चावल बिहार का प्रमुख खदान फसलें हैं इसकी खेती राज्य के सभी भागों में होती है 2006 से 2007 में 33.54 लाख हैक्टेयर भूमि पर 5 लाख टन धान का उत्पादन हुआ।

धान की खेती सबसे अधिक उत्पादन पश्चिम चंपारण रोहतास औरंगाबाद में होता है इन तीनों राज्य कर्मचारी अधिक चावल उत्पादन करते हैं लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि से रोहतास प्रथम है इसके अलावा पूर्वी चंपारण मधुबनी यादी


Matric exam 2022 Geography Subjective

Matric exam 2022 Geography Subjective:- In this post, class 10th Geography Questionnaire for Matric Exam 2022, important short and long answer question of Bihar Agriculture and Forest Resources has been given which is very important for Bihar Board Matric Exam Class 10th Geography Subjective Question | Bihar Krishi AVN Van Sansadhan subjective

 S.N    भूगोल [ GEOGRAPHY ] – OBJECTIVE
 1   भारत संसाधन एवं उपयोग
 2   कृषि
 3   निर्माण उद्योग
 4   परिवहन संचार एवं व्यापार
 5   बिहार कृषि एवं वन संसाधन
 6   मानचित्र अध्ययन