Class 10th Hindi Subjective

Class 10th Hindi Subjective Question | कक्षा 10वीं हिंदी ( श्रम विभाजन और जाति प्रथा )सब्जेक्टिव प्रश्न

Class 10th Hindi

Class 10th Hindi Subjective Question :- यदि आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको BSEB Class X Hindi Question Papers  का बिहार बोर्ड 10th हिंदी ( श्रम विभाजन और जाति प्रथा ) Subjective दिया गया है जो Bihar Board Matric Hindi Subjective Question Paper के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Hindi Subjective Question Answer 10th Class


Class 10th Hindi Subjective Question

1.Q लेखक किस विडंबना की बात करते हैं विडंबना का स्वरूप क्या है

उत्तर ⇒  लेखक जीत विडंबना की बात करते हैं वह इस युग में भी जातिवाद के पोस्को की कमी नहीं होना विडंबना का स्वरूप – है कार्यकुशलता के लिए श्रम विभाजन और चुकी जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा स्वरूप है इसीलिए इसमें कोई बुराई नहीं है


2.Q जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते हैं

उत्तर ⇒  जातिवाद के पोषक उस के पक्ष में तर्क देते हैं कि आधुनिक सभ्य समाज में कार्यकुशलता के लिए श्रम विभाजन आवश्यक है और जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही रूप है इसीलिए यह भी आवश्यक है


3.Q जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपतियां क्या है

उत्तर ⇒  जातिवाद के पक्ष में दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख प्रतियां है कि यह श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक विभाजन का भी रूप लिए हुए हैं या पेसे का दोषपूर्ण निर्धारण करती है साथ ही मनुष्य को जीवन भर के लिए एक पेसे में बांध भी देती है।


4.Q जाति भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती

उत्तर ⇒  जाति प्रथा सामाजिक समाज में श्रम विभाजन का स्वभाविक रुप इसलिए नहीं कही जा सकती क्योंकि यह मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है कुशल व्यक्तित्व का सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि हर व्यक्तियों की क्षमता इस सीमा तक विकसित करें जिससे वह अपना पेसा या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके।


5.Q जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्येक से कारण कैसे बनी हुई है

उत्तर ⇒  हिंदू धर्म की जाति प्रथा किसी भी व्यक्तित्व को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है जो उसका पैतृक पेसा ना हो भले ही हुआ उसमें पूरा रंगत हो इस प्रकार पर सब परिवर्तन की अनुमति ना देकर जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख व प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।


6.Q लेखक आज के उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या किसे मानते हैं और क्यों

उत्तर ⇒ लेखक आज के उद्योगों में गरीबी और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या उन निर्धारित कार्य को मानते हैं जिसे लोग अरुचि के साथ केवल विवशतावश करते हैं इससे स्थिति स्वभाव ता मनुष्य को दुर्भावना से दृश्य रहकर तालु काम करने और कम काम करने के लिए प्रेरित करती है।


7.Q लेखक ने पाठ में तीन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है

उत्तर ⇒  लेखक ने पाठ में जाति प्रथा को श्रम विभाजन के पहलू से आर्थिक पहलू से तकनीक के पहलू से तथा लोकतंत्र के पहलू से भी एक हानिकारक प्रभाव के रूप में दिखाया है

कक्षा 10वीं हिंदी सब्जेक्टिव प्रश्न


8.Q सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने तीन विशेषताओं की आवश्यकता माना है

उत्तर ⇒  सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने यह आवश्यक माना है कि समाज में यह गतिशील होनी चाहिए जिससे कोई भी वंचित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे छोर तक संचारित हो सके ऐसे समाज के बहुविध ही हिंदुओं में सब का भाग होना चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए लोकतंत्र मूलतः सामूहिक जीवन चार्य की एक कृति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है इसमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा वर्तमान का भाव को


9.Q श्रम विभाजन और जाति प्रथा पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखें

उत्तर ⇒  श्रम विभाजन और जाति प्रथा शीर्षक पाठ्य संविधान निर्माता और गरीबों के मसीहा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखा गया है प्रस्तुत पाठ को लेखक ने हमारे समाज में फैली हुई बुराई जाति प्रथा को बताने के लिए लिखा है वह कहते हैं कि जाति प्रथा को लोग श्रम विभाजन का रूप मानते हैं यह कतई ठीक नहीं है अगर जाति प्रथा श्रम विभाजन का रूप है तो कोई जाति ऊंची और कोई जाति नीची कैसे हैं

जाति प्रथा के अनुसार श्रम विभाजन कहीं से ठीक नहीं क्योंकि इसके अनुसार जिस जाति में जन्म लिया उस पैसे को करने की मजबूरी होती है चाहे उस कार्य की जानकारी है या नहीं यह भी नहीं कही से उचित नहीं जान पड़ता।

जाति प्रथा विकास में भी बाधक है क्योंकि इसके कारण मनुष्य को प्रतीक पेसा को करने की मजबूरी है अगर आदमी को मन के लायक काम नहीं मिलेगा तो उदासीन मन से काम करेगा जिससे विकास प्रभावित होगा इससे मनुष्य को आज भी कम होगी

अंत में लेखक कहते हैं कि जाति प्रथा हर दृष्टिकोण से गलत है श्रम विभाजन योग्यता के आधार पर होगा तो लाभ ही लाभ होगा जाति प्रथा की समाप्ति से एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा जहां कोई उच्च और नीच नहीं होगा सभी प्रेम से रहेंगे

Hindi Ka Subjective Question Class 10th


           गोधूलि भाग – 2 [ Objective Question ]
 1  श्रम विभाजन और जाति प्रथा
 2  विष के दांत
 3  भारत से हम क्या सीखें
 4  नाखून क्यों बढ़ते हैं
 5  नागरी लिपि
 6 बहादुर
 7  परंपरा का मूल्यांकन
 8  जीत जीत मैं निरखात हूँ
 9  आविन्यों
 10  मछली
 11  नौबत खाने में इबादत
 12  शिक्षा और संस्कृति
13 BSEB 10th All Subject Question Paper
           पघ खंड [ Objective Question ]
 1  स्वदेशी
 2  भारत माता
 3  जनतंत्र का जन्म
 4  हीरोशिमा
 5  एक वृक्ष की हत्या
 6  हमारी नींद
 7  अक्षर ज्ञान
 8  लौटकर आऊंगा फिर
 9  मेरे बिना तुम प्रभु
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