Hindi Subjective Class 10th | नाखून क्यों बढ़ते हैं Subjective Question

Hindi Subjective Question 10th Class Bihar Board | 10th Hindi नाखून क्यों बढ़ते हैं Subjective Question

BSEB Matric or Inter Exam 2024

Hindi Subjective Question 10th Class Bihar Board:- यदि आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 की तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपको Godhuli Bhag 2 Subjective Question का 10th Hindi नाखून क्यों बढ़ते हैं Subjective Question  दिया गया है जो Matric Exam Hindi Ka Subjective Question के लिए काफी महत्वपूर्ण है | Bihar Board Class 10th Hindi VVI Subjective


1.Q बढ़ते नाखूनों के द्वारा प्रकृति मनुष्य को क्या याद दिलाती है

उत्तर ⇒ बढ़ते नाखूनों के द्वारा प्रकृति मनुष्य को याद दिलाती है कि तुम वही लाख वर्ष के पहले के नख दंता लंबी जीव हो पशु के साथ एक ही सतह पर विचरण करने वाले और चढ़ने वाले।


2.Q लेखक द्वारा नाखून को शस्त्र के रूप में देखना कहां तक संगत है।

उत्तर लेखक द्वारा नाखूनों को अस्त्र के रूप में देखना उचित ही है क्योंकि आदिमानव का मुख्य अस्त्र ना खुद ही था दांत भी अस्त्र के रूप में था परंतु ना खुल के बाद उस समय अपने प्रतिद्वंद्वियों को नाखूनों से ही पड़ता था आज भी मानव जब अकेले किसी से लड़ेगा और उसके पास कोई शस्त्र नहीं होगा तो वह सर्वप्रथम इसी का प्रयोग करेगा। :- PDF 


3.Q मनुष्य बार-बार नाखून को क्यों काटता है

उत्तर मनुष्य बार-बार नागपुर को इसलिए काटता है क्योंकि वे रोज बढ़ते हैं वे रोज इसीलिए बढ़ते हैं क्योंकि वह अंधे हैं नहीं जानते कि मनुष्य को इससे कोटि-कोटि गुण शक्तिशाली अस्त्र मिल चुका है

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4.Q सुकुमार विनोद के लिए नाखून को उपयोग में लाना मनुष्य के कैसे शुरू किया लेखक ने इस निबंध में क्या बताया है

उत्तर कुछ हजार साल पहले नाखून शायद विलासी आदमी के किसी काम आते थे लेखक ने इस संबंध में बताया है कि उस समय गौर देश के लोग बड़े-बड़े नाक रखना पसंद करते थे और दक्षिणा तीन लोग छोटे नाक से इन्होंने देश और काल की अपनी अपनी रुचि बताया है यह कहते हैं समस्त अघोरकामिनी मृत्यु को और नीचे खींचने वाली वस्तुओं को भारतवर्ष में मनुष्य चित्र बनाया है यह बात चाहे भी तो भूल नहीं सकता


5.Q नख बढ़ाना और उन्हें काटना कैसे मनुष्य की शहजाद वृत्तियां है इनका क्या अभिप्राय है।

उत्तर नख बढ़ाना और काटना मनुष्य की शहजाद वृति है नाक बढ़ाना पशु तत्व का प्रणाम है और उन्हें काटना मनुष्यता का निशानी है लेखक का अभिप्राय है कि पशु तत्व के चिन्ह मनुष्य के भीतर रह गए हैं पर वह पशु तत्व को छोड़ चुका है पशु बनकर वह आगे बढ़ नहीं सकता इसीलिए वह इसे काट देता है।


6.Q लेखक क्यों पूछता है कि मनुष्य किस ओर बढ़ रहा है पशुता की ओर या मनुष्यता की ओर स्पष्ट करें

उत्तर लोग अस्त्र शस्त्र बढ़ा रहे हैं इसीलिए लेखक पूछते हैं कि मनुष्य की ओर बढ़ रहा है पशुता की ओर या मनुष्यता की ओर


7.Q देश की आजादी के लिए प्रयुक्त किन शब्दों के अर्थ मीमांसा लेखक करता है और लेखक निष्कर्ष क्या है

उत्तर देश की आजादी के लिए प्रयुक्त इंडिपेंडेंस शब्दों के अर्थ मीमांसा करते हैं यह कहते हैं कि इंडिपेंडेंस शब्द का अर्थ है अंधे लता पर स्वाधीनता शब्द का अर्थ है अपने ही अधीन रहना यह कहते हैं कि हम भारतवासी के आजादी के नामकरण के लिए जितने भी शब्द लिए उसमें सुबह का बंधन अवश्य है वह कहते हैं कि हमारी समूची परंपरा की अनजाने में हमारे भाषा के द्वारा प्रकट होती है


8.Q निबंध में लेखक ने किस बूढ़े का जिक्र किया है लेखक की दृष्टि में बूढ़े के कथनों का सार्थकता क्या है

उत्तर निबंध में लेखक ने उस बुढ़िया का जिक्र किया है जिसने कहा था कि बाहर की ओर नहीं भीतर की ओर देखो हिंसा को मन से दूर करो मिथ्या को हटाओ क्रोध और दोष को दूर करो लोग के लिए कष्ट से हो आराम की बात सोचो प्रेम की बात सोचो आत्मा शोषण की बात सोचो काम करने की बात सोचो उसने कहा प्रेम ही बड़ी चीज है क्योंकि वह हमारे भीतर है लोगों ने बूढ़े की बात समझी नहीं और उसे गोली मार दी लेखक की दृष्टि में बूढ़े के कथनों की सार्थकता है क्योंकि उसने मनुष्य की वास्तविक चरितार्थ आ का पता लगाया था मनुष्य ने अपनी बढ़ती हुई पशुता को नहीं रोका और अभी वह विनाश के कगार पर हैं


9.Q स्वाधीनता शब्द के सार्थकताा लेखक क्या बताता है

उत्तर स्वाधीनता शब्द की सत्य कथा लेखक बताते हैं कि अपने ऊपर नहीं करने योग्य कामों के लिए अंकुश लगाना अर्थात अपने आपको अपने अनुशासन में रखना इस पर किसी वाह्य चीजों यहां तक कि ज्ञानेंद्रियों को भी उस पर हावी नहीं होने देना।


10.Q लेखक नीतीश प्रशासन में कहा है कि बंदरिया मनुष्य का आदर्श नहीं बन सकती लेखक अभिप्राय स्पष्ट करें

उत्तर लेखक ने संस्कृत की विशेषता बताने के प्रथम में कहा है कि यह हमारे दीर्घकालीन संस्कारों का फल है कि हम अपने आप पर लगाए हुए बंधन को नहीं छोड़ सकते क्योंकि यह हमारी संस्कृति की बड़ी भारी विशेषता है परंतु पुराने का मुंह सब जगह वांछनीय है मरे हुए बच्चों को गोद में दबाए रखने वाली बंदरिया मनुष्य का आदर्श नहीं बन सकती लेखक का अभिप्राय यह है कि जो चीजें छोड़ देने में भलाई है उसे छोड़ देना चाहिए


11.Q सफलता और चरित्र था शब्दों में लेखक अर्थ की विभिन्न तक इस प्रकार प्रतिपादित करता है।

उत्तर सफलता और श्री तथा शब्द में लेखक अर्थ की विभिनता इस प्रकार प्रतिपादित करते हैं वह कहते हैं कि मनुष्य मारना शास्त्रों के संचयन सेवाएं उपकरणों के बाहुली से उस वस्तु को भी पा सकता है जिसे उसने बाहरी अंधकार के कारण सफलता नाम दिया है परंतु मनुष्य की सिर तथा प्रेम में है त्याग में है अपने को सबके मंगल के लिए निःशेष भाव से देने में है।

Bihar Board Hindi Subjective Question 10th


           गोधूलि भाग – 2 [ Objective Question ]
 1  श्रम विभाजन और जाति प्रथा
 2  विष के दांत
 3  भारत से हम क्या सीखें
 4  नाखून क्यों बढ़ते हैं
 5  नागरी लिपि
 6 बहादुर
 7  परंपरा का मूल्यांकन
 8  जीत जीत मैं निरखात हूँ
 9  आविन्यों
 10  मछली
 11  नौबत खाने में इबादत
 12  शिक्षा और संस्कृति
13 BSEB 10th All Subject Question Paper
           पघ खंड [ Objective Question ]
 1  स्वदेशी
 2  भारत माता
 3  जनतंत्र का जन्म
 4  हीरोशिमा
 5  एक वृक्ष की हत्या
 6  हमारी नींद
 7  अक्षर ज्ञान
 8  लौटकर आऊंगा फिर
 9  मेरे बिना तुम प्रभु
           वर्णिका , भाग – 2 [ Objective Question ]
 1  दही वाली मंगम्मा
 2  ढहते विश्वास
 3  माँ
 4  नगर
 5  धरती कब तक घूमेगी
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